– गुरूद्वारे में आयोजित लंगर का प्रसाद ग्रहण करते सिक्ख समुदाय के लोग।
फतेहपुर। शहर के रेल बाजार स्थित गुरूद्वारा गुरू सिंह सभा में गुरूवार को सिक्ख समुदाय के छठे गुरू हरगोविंद साहिब का प्रकाश पर्व मनाया गया। गुरूद्वारा में कीर्तन, अरदास व लंगर का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में सिक्ख समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया। ज्ञानी सिमरजीत सिंह ने बताया कि गुरु हरगोबिंद का जन्म 1595 वडाली में हुआ। जो कीरतपुर, हिमालय के पास है। गुरु हरगोविंद साहिब सिखों के छठे सिख गुरु हैं। जिन्होंने एक मजबूत सिक्ख सेना विकसित की और अपने पिता गुरु अर्जन देव जी के निर्देशों के अनुसार सिक्ख धर्म को उसका सैन्य चरित्र दिया। गुरु हरगोविंद के समय तक सिक्ख धर्म निष्क्रिय था। माना जाता है कि अपने उत्तराधिकार समारोह में हरगोबिंद ने दो तलवारें उठाई थीं, जो समुदाय के लौकिक (मीरी) और आध्यात्मिक (पीरी) प्रमुख के रूप में उनके दोहरे अधिकार का प्रतीक थीं। उन्होंने सैन्य प्रशिक्षण और मार्शल आर्ट के लिए भी बहुत समय समर्पित किया। एक विशेषज्ञ तलवारबाज, पहलवान और सवार बन गए। विरोध के बावजूद गुरु हरगोबिंद ने अपनी सेना का निर्माण किया और अपने शहरों को मजबूत किया। प्रकाश पर्व प्रधान चरनजीत सिंह की अगुवाई में मनाया गया। इस मौके पर सेकेट्री परमजीत सिंह, जतिंदर पाल सिंह, कोषाध्यक्ष सुरिंदर सिंह, उपप्रधान गुरमीत सिंह, नरेंद्र सिंह, संतोष सिंह, वरिंदर सिंह, सरनपाल सिंह, बंटी, परविंदर सिंह व महिलाओं में हरजीत कौर, हरविंदर कौर, मंजीत कौर, सतबीर कौर व वीर सिंह उपस्थित रहीं।
