जयपुर: फर्जी गोवंश दिखाकर करोड़ों रुपए का फर्जी भुगतान उठाने का मामला सामने आया है। इनमें जयपुर समेत प्रदेश के 8 जिलों की गोशाला है। लेकिन, अकेले जैसलमेर जिले में 28 गोशाला है, जिन्होंने गायों के नाम फर्जी भुगतान उठाया। अब इन गोशालों से रिकवरी के लिए ऑडिटर जनरल की ओर से नोटिस जारी किया गया है। वहीं एसीबी भी इस मामले की जांच कर रही है।दरअसल, पहले पशुपालन विभाग ने जांच करवाई थी। जैसलमेर का मामला पकड़े में आने के बाद मंत्री ने प्रदेश के अन्य गोशालाओं के जांच के भी आदेश दिए । इसके बाद प्रदेश में अन्य गोशाल के ऑडिट करने पर पाया गया कि इन गौशालाओं ने डुप्लीकेट टैग के जरिए भुगतान के लिए आवेदन कर रखा था। इसके बाद इन 28 गोशालाओं ने 49 हजार 314 फर्जी गोवंश के नाम 29 करोड़ 58 लाख 84 हजार रुपए की सब्सिडी रोकी गई।
जयपुर की दो गोशालाओं को भी जारी किया नोटिस: जैसलमेर की इन गोशालाओं में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद प्रदेश में अलग-अलग गोशालाओं की जांच करवाई गई। पता चला कि इनमें जयपुर की दो गोशला भी है। जिन्हें नोटिस जारी किया है।इसके अलावा 8 जिलों की अलग-अलग गोशालाओं की करीब 20 करोड़ रुपए की सब्सिडी जनवरी 2025 से रोक दी गई। जांच में ये भी पता चला कि प्रदेश में कई जगह घरों में 10 गायों को 100 गायों की गोशाला बताकर फर्जी भुगतान भी उठाया जा रहा था।गोपालन, डेयरी, पशुपालन एवं देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि फर्जी भुगतान की आशंका को खत्म करने के लिए गोपालन विभाग की एप में अपग्रेडेशन किया गया है, जिससे डुप्लीकेट टैग से भुगतान उठाना अब संभव नहीं होगा। इस तकनीकी बदलाव के चलते राज्य सरकार को अब तक 29 करोड़ से अधिक की बचत हो चुकी है।
भुगतान से पहले कराया भौतिक सत्यापन: मंत्री ने बताया कि नवंबर 2024 से मार्च 2025 तक के 150 दिन की बकाया करीब 811 करोड़ रुपए की अनुदान राशि जल्द जारी की जाएगी। इसके लिए विभाग ने पहले ही भौतिक सत्यापन पूरा कर लिया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर प्रति गोवंश अनुदान राशि में करीब 25% की बढ़ोतरी की गई है, जिससे तीन हजार से ज्यादा गोशालाओं के करीब 13 लाख 80 हजार गाेवंश को चारा-पानी की सुविधा सुनिश्चित होगी।
2740 करोड़ का प्रावधान: नंदी संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि पंचायत समिति स्तर पर नंदी शालाएं खोलने के लिए सरकार ने 1.57 करोड़ रुपए प्रति स्थान स्वीकृत किए हैं। अब तक 109 नंदीशालाओं को मंजूरी दी जा चुकी है, जिनमें से 65 का निर्माण प्रगति पर है। इनमें 10 नंदीशालाएं तैयार होकर 4708 नंदियों को शिफ्ट किया जा चुका है। नंदीशालाओं के लिए सरकार ने कुल 2740 करोड़ रुपए का बजट रखा है। इसके साथ ही गांव में ट्रैक्टर की जगह नंदी से खेती करने वाले किसानों को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता भी दी जाएगी।
गलत भुगतान पर होगी सख्त कार्रवाई : जोराराम कुमावत ने कहा कि महालेखाकार की टीमें गौशालाओं का ऑडिट कर रही हैं और अब तक आठ जिलों में गड़बड़ी के चलते रिकवरी नोटिस जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जांच और सख्ती का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।