हरियाणा कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) 2025 के एग्जाम की डेट का ऐलान इसी हफ्ते होने के आसार हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एग्जाम की तैयारियों को लेकर जिलाें के डीसी से रिव्यू मीटिंग में अपडेट लिया। सीएम ने निर्देश दिए कि एग्जाम सेंटरों पर सिक्योरिटी टाइट होनी चाहिए। सरकार का ये उद्देश्य है कि ये एग्जाम बिना नकल के हो। इस एग्जाम में पूरी पारदर्शिता बरती जाए। सीएम ने कहा, कॉमन एंट्रेंस टेस्ट को लेकर सरकार गंभीरता से काम कर रही है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा, सरकार का मकसद पारदर्शी तरीके से परीक्षा करवाना है। पिछले 11 साल में बीजेपी सरकार ने हरियाणा में युवाओं को बिना पर्ची और खर्ची के नौकरी दी है, जिससे भाजपा सरकार को लेकर युवाओं में विश्वास बढ़ा है। हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) ने CET एग्जाम जुलाई में ही कराने की तैयारी की है। इसके लिए साढ़े 13 लाख से ज्यादा युवाओं ने आवेदन किया है।
युवाओं ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर रजिस्ट्रेशन कर चुके: हरियाणा में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के आवेदन के लिए दोबारा पोर्टल नहीं खुलेगा। इसको लेकर दायर याचिका मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट खारिज कर चुका है। युवाओं ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर रजिस्ट्रेशन कर चुके कैंडिडेट्स के डेटा में करेक्शन और एक ही शिफ्ट में एग्जाम कराने को लेकर याचिका लगाई थी।
एडवोकेट जनरल प्रमेंद्र चौहान पेश हुए: सरकार की तरफ से कोर्ट में एडवोकेट जनरल प्रमेंद्र चौहान पेश हुए। उन्होंने हाईकोर्ट में कहा कि जो कैंडिडेट अपना रिजर्वेशन सर्टिफिकेट पहले किन्हीं कारणों से नहीं दे पाए हैं, उन्हें एग्जाम में राहत दी जाएगी। जिन कैंडिडेट्स ने सर्टिफिकेट एग्जाम की लास्ट डेट से पहले अप्लाई किया है। इन उम्मीदवारों के लिए रजिस्ट्रेशन पोर्टल करेक्शन के लिए खोला जाएगा। जिससे वह अपना सर्टिफिकेट करेक्ट कर सकें।
मीटिंग में जलभराव पर भी चर्चा: सीईटी चर्चा के बाद सीएम ने मीटिंग में जलभराव को लेकर भी चर्चा की। मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार प्रवीण अत्रे ने बताया कि मानसून हरियाणा में दस्तक दे चुका है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जलभराव का तुरंत समाधान के निर्देश दिए हैं। मीटिंग में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिला उपायुक्त भी शामिल हुए थे। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने हरियाणा के सभी जिलों में पानी निकासी के पंप सेट की समीक्षा की। जिला उपायुक्तों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वाटर लॉगिंग का तुरंत समाधान किया जाए। जिलों के ड्रेनेज और नालों की सफाई करवाई जाए।