उत्तर प्रदेश: आपने फिल्मों में पुराने बंद कमरों में खजाना मिलने की कहानियां सुनी होंगी। अब उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में 11 साल बाद जब एक बंद कमरे को खोला गया तो ₹22 लाख कैश मिलें। वहीं एक शख्स ने AI से गाना गवाया और फिर 2 हफ्ते में ही उसको 5 लाख फॉलोअर्स और सुनने वाले मिल गए। उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में एक सरकारी आवास का कमरा पिछले 11 सालों से बंद पड़ा था। जब उसे खोला गया, तो अंदर से पूरे ₹22 लाख 48 हजार 505 कैश मिले। अब इन पैसों को डिस्ट्रिक्ट ट्रेजरी में जमा करा दिया गया है। दरअसल 20 जनवरी 2014 को अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (ACMO) डॉ. ब्रह्मनारायण तिवारी अपने सरकारी आवास में मृत पाए गए थे। उनकी मौत के बाद, पुलिस ने आवास को तुरंत सील कर दिया था। करीब 11 साल तक आवास का इस्तेमाल नहीं किया गया। इसी बीच, CMO डॉ. संजय कुमार शैवाल ने आवास की मरम्मत कराने के लिए जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला से बात की और कमरा खुलवाने की अनुमति मांगी। इसके बाद कमरे का ताला तोड़ा गया। फिर घरेलू सामान के साथ-साथ, बिस्तर के नीचे पुराने 1000 रुपए और 500 रुपए के नोटों की गड्डियां बिछी हुई मिलीं।
नाम है- द वेलवेट सनडाउन: आजकल हर फील्ड में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इंसानों को रिप्लेस करता जा रहा है। अब एक शख्स ने AI से खुद का म्यूजिक बैंड बना लिया है। नाम है- द वेलवेट सनडाउन। इस बैंड ने दो हफ्तों में ही 5 लाख से ज्यादा Spotify लिसनर बटोर लिए हैं। साथ ही AI से दो एल्बम बनाकर रिलीज किया है। तीसरा जुलाई में आने वाला है। वहीं बैंड के सदस्यों को एक खास नाम दिया है। यह इंस्टाग्राम अकाउंट हाल ही में शुरू हुआ है। बता दें कि, आमतौर पर एक नए बैंड को 5 लाख मंथली लिसनर तक पहुंचने में महीनों से लेकर सालों तक लग जाता है। भले ही उनके पास बड़े रिकॉर्ड लेबल का सपोर्ट हो।