मुंबई : मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का एक बड़ा एक्शन सामने आया है। इसके तहत ईडी ने मंगलवार को मुंबई में अवैध डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़े नेटवर्क पर छापेमारी की, जिसके जरिए करोड़ों रुपये का लेन-देन किया जा रहा था।
अधिकारियों ने बताया कि: जांच एजेंसी ने चार जगहों से करीब 3.3 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी, कीमती घड़ियां, गहने, विदेशी मुद्रा और महंगी गाड़ियां जब्त की हैं। साथ ही ये अधिकारियों ने ये भी बताया कि छापेमारी अभी भी जारी है। बता दें कि डब्बा ट्रेडिंग शेयर बाजार में एक अवैध और बिना लाइसेंस वाली ट्रेडिंग प्रणाली है, जिसमें लेन-देन का कोई रिकॉर्ड स्टॉक एक्सचेंज में दर्ज नहीं होताअधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान सामने आया है कि वीमनी, वीएम ट्रेडिंग, स्टैंडर्ड ट्रेड्स लिमिटेड, आईबुल कैपिटल लिमिटेड, लोटसबुक, 11स्टार्स और गेमबेटलीग जैसे कई ऑनलाइन ट्रेडिंग और सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म इस रैकेट में शामिल हो सकते हैं। इनमें से कई ऐप्स व्हाइट-लेबल तरीके से चलाए जा रहे थे यानी अलग-अलग लोगों को इन ऐप्स के प्रशासनिक अधिकार देकर मुनाफे में हिस्सेदारी दी जा रही थी।प्रवर्तन निदेशालय (ED) की चल रही जांच में: डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट से जुड़ी बड़ी जानकारी सामने आई है। जांच में पता चला है कि VMoney और 11Starss के लाभार्थी मालिक विशाल अग्निहोत्री ने LotusBook सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म के एडमिन अधिकार 5% प्रॉफिट शेयरिंग के आधार पर प्राप्त किए थे। बाद में उन्होंने ये अधिकार धवल देवराज जैन को ट्रांसफर कर दिए, जिसके बाद अग्निहोत्री को 0.125% लाभ मिलना जारी रहा, जबकि जैन को 4.875% मुनाफा मिलने लगा। इसके बाद धवल जैन ने अपने सहयोगी जॉन स्टेट्स उर्फ पांडे के साथ मिलकर एक व्हाइट-लेबल सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म विकसित किया, जिसे बाद में 11Starss.in को ऑपरेट करने के लिए विशाल अग्निहोत्री को उपलब्ध कराया गया। इस नेटवर्क में हवाला ऑपरेटर मयूर पाड्या उर्फ पाड्या की भूमिका भी सामने आई है। वह सट्टेबाजी के संचालन के लिए नकद-आधारित मनी ट्रांसफर और भुगतान की जिम्मेदारी निभा रहा था। इस पूरे सट्टेबाजी मॉडल में डिजिटल तकनीक, प्रॉफिट शेयरिंग, व्हाइट-लेबलिंग और हवाला ट्रांजैक्शन के जरिए अवैध कमाई का एक जटिल तंत्र स्थापित किया गया था, जिसकी अब ईडी गंभीरता से जांच कर रही है।