Breaking News

“दिल्ली हुमायूं के मकबरे में मस्जिद के पास कमरे की छत गिरी, कई लोग मलबे में दबे”

दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित हुमायूं का मकबरा कैंपस में एक मस्जिद के पास कमरे की छत गिरने से कई लोग मलबे में दब गए। दिल्ली के दमकल विभाग की तरफ से पहले बताया गया कि 8 से 9 लोगों के दबे होने की आशंका है। हालांकि, बाद में जानकारी आई कि हुमायूं के मकबरा के कैम्पस में मस्जिद के पास एक कमरा बना हुआ है। कमरे की छत गिरी है, जिसमें 14 से 15 लोगों दब गए। अब तक 10 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। मौके पर पुलिस अधिकारियों के साथ फायर कर्मी भी पहुंच गए है। एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच चुकी है। दिल्ली पुलिस के अनुसार 11 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है।

दिल्ली में लगातार बारिश हो रही है। इसी वजह से हादसा होने की आशंका है। इससे पहले एक पुराना पेड़ बाइक सवार पर गिर गया था। इस हादसे में बाइक सवार की मौके पर ही मौत हो गई थी। वहीं, एक महिला घायल हो गई थी। एक कार को भी इस हादसे में नुकसान पहुंचा था।

हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस, फायर बिग्रेड और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंची। पूरे इलाके को खाली कराया गया और रेस्क्यू ऑरपरेशन शुरू किया गया। अब तक 11 लोगों को बाहर निकाला जा चुका है। दिल्ली अग्निशमन सेवा के एक अधिकारी के अनुसार शाम करीब साढ़े चार बजे गुंबद का एक हिस्सा गिरने की सूचना मिली। हालांकि, गुंबद नहीं गिरा है। मस्जिद के पास बने एक कमरे की छत गिरी है।

हुमायूं का मकबरा दिल्ली में 1565-1572 के बीच बनाया गया था। इसे हुमायूं की पत्नी, हाजी बेगम ने बनवाया था। यह मकबरा मुगल स्थापत्य कला का पहला प्रमुख उदाहरण है। इसी से प्रेरणा लेकर ताजमहल जैसे अन्य स्मारकों बनाए गए। इस मकबरे का निर्माण लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से किया गया है, जो उस समय की उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री थी। ये पत्थर टिकाऊ और मौसम प्रतिरोधी होते हैं, जिसने इमारत को सदियों तक संरक्षित रखा। मुगल कारीगरों ने मजबूत नींव और संतुलित संरचना के साथ निर्माण किया। दोहरे गुंबद की तकनीक ने संरचना को स्थिरता दी और भूकंप जैसे प्राकृतिक आपदाओं से बचाने में मदद की। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और अन्य संगठनों द्वारा समय-समय पर किए गए संरक्षण कार्यों ने इसकी मजबूती को बनाए रखा है।

हाल के वर्षों में, आगा खान ट्रस्ट द्वारा 2007-2013 में बड़े पैमाने पर जीर्णोद्धार किया गया, जिससे संरचना को और सुदृढ़ किया गया। मकबरा आज भी मजबूत और अच्छी स्थिति में है, हालांकि पर्यावरणीय प्रदूषण और मौसम के प्रभाव से कुछ हिस्सों को नुकसान हुआ है। इस हादसे में भी मकबरा नहीं गिरा है, बल्कि मकबरा कैंपस के अंदर एक कमरे की छत गिरी है।

About NW-Editor

Check Also

”टंकी में मिली लाश, जांच में खुलेंगे राज़—हादसा या अपराध”

दिल्ली: राजौरी गार्डन इलाके में शुक्रवार दोपहर अचानक सनसनी फैल गई, जब पुराने एमसीडी ऑफिस …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *