आरओ मशीन के कमरे में लटक रहे ताले का दृश्य।
अमौली, फतेहपुर। जहां सरकार बड़े बड़े दावे कर रही है वहीं अस्पतालों में लापरवाही देखने को मिलती है। सीएचसी में मरीजो को पानी पीने के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है। स्वास्थ्य केंद्र में ठूंठ बनकर हैंडपंप जहां खड़ा है वही दूसरी ओर शुद्ध पेयजल की आरओ मशीन के कमरे में ताला लटक रहा है। जिससे सीएचसी आने वाले मरीजों के साथ स्वास्थ्य कर्मियों को बीस रूपए की बोतल खरीद कर या घर से लाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अगर दवा भी खानी हो तो दूसरे से मांगो या बाहर से खरीदकर दवा खाओ।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कस्बा सहित दूर-दूर के गांवों के सैकड़ों लोग रोजाना अपना इलाज कराने आते-जाते रहते हैं। शुद्ध पेयजल के लिए लगाया गया आरओ मशीन एक कमरे में लॉकअप में बन्द पड़ी है। लंबे समय से खराब पड़े हैंडपंप में मोटर डाल कर पानी का टैंक भर लिया जाता रहा है लेकिन एक सप्ताह से जली मोटर की कोई सुधि नही है। यहां आने वाले मरीजों ने बताया कि सरकारी अस्पताल में इलाज तो एक रूपए में है लेकिन पानी बीस रूपए में है। मरीजो को कम से कम 500 मीटर दूर चलकर पानी की बोतल लेने जाना पड़ता है। जिन मरीजो को पता है वो घर से पानी ले आते हैं जिनको नहीं पता वो दर दर भटकते हैं। अस्पताल में पानी की समस्या के चलते बाजार से बीस रुपये देकर पानी की बोतल खरीदनी पड़ती है। उधर पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे डॉक्टरों व स्टाफ नर्सों ने बताया कि पीने के पानी की समस्या के चलते उन्हें और अस्पताल में आने वाले मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
