मिडिल-ईस्ट में लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। अब इजराइली सेना ने यमन की राजधानी सना में कई जगहों पर हवाई हमला किया है। यह हमला हूती विद्रोहियों द्वारा इजराइल की ओर मिसाइल दागने की जिम्मेदारी लेने के कुछ दिनों बाद हुआ। इन हमलों में कथित तौर पर एक बिजली संयंत्र और एक गैस स्टेशन को निशाना बनाया गया है। हूती मीडिया कार्यालय के अनुसार, राजधानी में कई जगहों पर विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं, जिनमें राष्ट्रपति भवन और एक बंद हो चुकी सैन्य अकादमी के पास भी धमाका हुआ है। प्रत्यक्षदर्शियों ने सना के मध्य और घनी आबादी वाले इलाके, सबीन स्क्वायर के आसपास भारी विस्फोट और धुआं उठते देखा।
एक स्थानीय निवासी हुसैन मोहम्मद ने कहा, “विस्फोट बहरा कर देने वाले थे। हमने पूरे घर को हिलते हुए महसूस किया।” एक अन्य निवासी, अहमद अल-मेखलाफी ने बताया कि हमलों के कारण खिड़कियां टूट गईं और आस-पास की इमारतों को भी भारी नुकसान पहुंचा। हालांकि इजरायली सरकार ने रविवार के हमलों में अपनी संलिप्तता की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन यह हमला हूती मिसाइल हमले को बीच हवा में ही रोककर नष्ट कर दिए जाने के कुछ ही दिनों बाद हुआ है। हालांकि रविवार के हमलों में किसी के हताहत होने की आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। दोनों पक्षों ने अभी तक नुकसान के पैमाने या ऑपरेशन में शामिल किसी भी संभावित सैन्य उद्देश्यों के बारे में पूरी जानकारी जारी नहीं की है।
ईरान से समर्थन प्राप्त हूतियों ने पिछले 22 महीनों में लाल सागर में इजरायल और वाणिज्यिक जहाजों पर ड्रोन और मिसाइलें दागी हैं। समूह का कहना है कि गाजा में जारी संघर्ष के बीच उसके अभियान फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता में हैं। उनके हमलों का व्यापक आर्थिक प्रभाव पड़ा है, जिससे लाल सागर के माध्यम से प्रमुख शिपिंग मार्ग बाधित हुए हैं। नवंबर 2023 और दिसंबर 2024 के बीच, हूती आतंकवादियों ने मिसाइल और ड्रोन हमलों से 100 से अधिक जहाजों को निशाना बनाया।