ब्रिटेन के 85 इलाकों में नाबालिग लड़कियों के साथ यौन शोषण होने का मामला सामना आया है। सांसद रूपर्ट लोवे ने 26 अगस्त को एक जांच में दावा किया कि इन इलाकों में कई रेप गैंग एक्टिव है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लोवे ने कहा, ‘इन रेप गैंग्स के ज्यादातर मेंबर पाकिस्तान मूल के लोग है। जांच में 1960 के दशक तक के मामले सामने आए हैं।’ जांच के दौरान सैकड़ों पीड़ितों और उनके परिवारों से बात किया गया साथ ही फ्रीडम ऑफ इन्फॉर्मेशन (FOI) के तहत हजारों शिकायत जुटाई गई। सांसद रूपर्ट ने कहा, ‘ये लोग कई सालों से अपराध कर रहे हैं और पुलिस और प्रशासन ने इसकी अनदेखी की है।’
रिपोर्ट के मुताबिक यह गैंग ज्यादातर गरीब घर की गोरी लड़कियों को शिकार बनाते हैं। पीड़ितों ने बताया कि उन्हें बचपन में निशाना बनाया गया, ड्रग्स देकर पहले लत लगाया जाता फिर बलात्कार किया गया, और चुप रहने की धमकी दी गई। रिपोर्ट में ब्रिटेन पुलिस, सामाजिक सेवाओं और क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस (CPS) पर भी सवाल उठाए गए हैं। कई मामलों में पीड़ितों को गंभीरता से नहीं लिया गया, और कुछ को उनको ही अपराध के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस को डर था कि अपराधियों की जाति सामने आने से सामुदायिक तनाव बढ़ सकता है, जिसके कारण कार्रवाई करने में देरी की गई। लोवे ने कहा, ‘यह घिनौना अपराध पहले से कहीं ज्यादा फैल गया है। लाखों जिंदगियां इन रेप गैंग्स की वजह से बर्बाद हुई हैं।’
टेलफोर्ड इलाके में 40 सालों में 1 हजार से अधिक लड़कियों, जिनमें कई 11 वर्ष की थीं, का यौन शोषण और तस्करी की गई। वहीं, रोथरहम में साल 1997 से 2013 के बीच लगभग 1,500 लड़कियों को निशाना बनाया गया। सांसद लोवे ने एक पोस्ट में लिखा, ‘मुझे पहले कभी इतना यकीन नहीं हुआ कि पाकिस्तानी रेप गिरोह की गतिविधियां इतने बड़े पैमाने पर चल रही होंगी। बलात्कारियों को नजरअंदाज करना नामुमकिन है। अगर किसी विदेशी नागरिक को पता था और उसने कुछ नहीं किया, तो उसे निकाल देना चाहिए।’ उन्होंने आगे कहा, ‘अगर किसी ब्रिटिश नागरिक को पता था और उसने कुछ नहीं किया, तो उस पर भी मुकदमा चलाया जाना चाहिए।’
इससे पहले ब्रिटेन के ही एक प्रोफेसर एलेक्सिस जे की स्वतंत्र जांच कमेटी (IICSA) ने 2022 में अपनी सात साल की जांच के बाद 20 सिफारिशें दी थीं। इसमें संस्थागत विफलताओं और इंग्लैंड व वेल्स में हजारों पीड़ितों की बात सामने आई थी। इसने बाल यौन शोषण को महामारी करार दिया गया था। जनवरी, 2025 में टेस्ला मालिक मस्क ने ब्रिटेन के ग्रुमिंग गैंग (आपराधिक गिरोह) की आलोचना की थी। इसके बाद सरकार ने ब्रिटिश सहकर्मी और एक्सपर्ट बैरोनेस लुईस केसी को मामले पर एक डेटा रिपोर्ट तैयार करने को कहा। इस रैपिड ऑडिट में ग्रुमिंग गिरोहों के अपराधों और उनकी हिस्ट्री की स्टडी की गई। जून में ये रिपोर्ट सामने आई, जिसमें पाया गया कि पिछले एक दशक से अधिक समय से सरकार के पास अपराधियों की जाति और राष्ट्रीयता से जुड़ी ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं थी।
इसे सरकार की एक बड़ी विफलता माना गया। इसके साथ ही इसमें 12 सिफारिशें दी गईं, जिनमें एक राष्ट्रीय जांच शामिल है। रिपोर्ट के आधार पर पीएम कीर स्टार्मर ने जून में राष्ट्रीय जांच शुरू की थी। नवंबर 2024 में एक ग्रूमिंग गिरोह के 20 लोगों को युवा लड़कियों के साथ रेप और हमले का दोषी पाया गया था। इन्हें 10 से 25 साल तक की सजा सुनाई गई थी। जिसमें 19 लोग मुस्लिम समुदाय के थे। 2023 में 16 साल की नाबालिग लड़की लूसी लोव का मामला सामने आया था। लूसी अपने ही घर में मां और बहन के साथ मृत पाई गई थी। उनके घर में आग लग गई थी, जिसमें तीनों की मौत हो गई थी।
इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि लूसी प्रेग्नेंट थी, ये उसकी दूसरी प्रेग्नेंसी थी। इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि लूसी को प्रेग्नेंट करने वाला शख्स अजहर अली महमूद है और उसी ने लूसी के घर पर आग लगाई थी। लूसी केस के बाद वेस्ट मरसिया पुलिस ने जब ऑपरेशन चैलिस चलाया तो उन्हें पता चला कि वो एक सोची-समझी साजिश का शिकार हुई थी।