बेंगलुरु के एक निजी विश्वविद्यालय से गुरु-शिष्य के रिश्ते को तार-तार कर देने वाली एक बेहद शर्मनाक और दुखद घटना सामने आई है। जिस 45 वर्षीय प्रोफेसर पर एक 19 वर्षीय छात्रा के माता-पिता ने भरोसा किया था कि वह उनकी बेटी की पढ़ाई में मदद करेगा उसी शख्स ने उसे अपने घर बुलाकर यौन उत्पीड़न किया।
छात्रा ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि प्रोफेसर मंडल ने उसे दोपहर के खाने के बहाने अपने घर बुलाया था। पहले उसने मना किया लेकिन प्रोफेसर के बार-बार आग्रह और उसकी माँ को दिए गए झूठे आश्वासन के कारण वह तैयार हो गई। प्रोफेसर ने माँ से कहा था कि घर पर उसकी पत्नी और बच्चे मौजूद रहेंगे जिससे छात्रा सुरक्षित महसूस कर सके।
घर पहुंचते ही दिया धोखा और किया दुर्व्यवहार
प्रोफेसर मंडल पहले से ही छात्रा के परिवार से संपर्क में था और असाइनमेंट्स के नाम पर बातचीत करता था। वह छात्रा को अपने फ्लैट के पास वाले पीजी (PG) में रहने की सलाह भी देता था।
- झूठ का पर्दाफाश: 25 सितंबर को जब छात्रा दोपहिया वाहन से प्रोफेसर के घर पहुंची तो उसने अचानक खुलासा किया कि उसकी पत्नी और बच्चे शहर से बाहर हैं। छात्रा को अजीब लगा लेकिन प्रोफेसर ने सिर्फ पढ़ाई की बात करने का आश्वासन दिया।
- अनुचित व्यवहार: अंदर जाते ही माहौल बदल गया। प्रोफेसर ने छात्रा से निजी सवाल पूछे उसे बॉयफ्रेंड से रिश्ता तोड़ने की सलाह दी और कहा कि ऐसा करने पर वह उसे अच्छे अंक और हाजिरी (Attendance) में मदद करेगा।
- उत्पीड़न: लालच देने के बाद प्रोफेसर ने छात्रा को अनुचित तरीके से छूना शुरू कर दिया। विरोध के बावजूद वह नहीं रुका।
छात्रा ने बताया कि उसी दौरान उसके मित्र का फोन आया। उसी बहाने का फायदा उठाकर वह वहाँ से निकल गई और अपनी जान बचाई।
- शिकायत: शुरुआती दिनों में डर और शर्म के कारण चुप रहने के बाद, छात्रा ने आखिरकार साहस जुटाकर तिलक नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई।
- गिरफ्तारी: पुलिस ने मामले की जाँच के बाद प्रोफेसर को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 75 (यौन उत्पीड़न) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
- रिहाई: हालांकि बाद में प्रोफेसर को स्टेशन बेल पर रिहा कर दिया गया। फिलहाल पुलिस मामले की गहन जाँच कर रही है।