राहुल गांधी ने जताया दुख: जुबीन गर्ग के परिवार से मिले, बोले—सच्चाई सामने आनी चाहिए कि सिंगापुर में उनके साथ क्या हुआ

 

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को गुवाहाटी के बाहरी इलाके सोनापुर पहुंचकर दिवंगत गायक जुबिन गर्ग को उस स्थान पर श्रद्धांजलि अर्पित की, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया था। बाद में राहुल गांधी ने जुबिन गर्ग के परिवार से भी मुलाकात की और अपनी संवेदनाएं प्रकट की। साथ ही उन्होंने जुबिन को जल्द से जल्द न्याय दिलाने की मांग की।

 

 

राहुल गांधी ने मंच पर एक पारंपरिक असमिया दुपट्टा ‘गामोसा’ और पुष्पांजलि अर्पित की, जहां गायक जुबिन गर्ग का अंतिम संस्कार किया गया था। उनके साथ असम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) महासचिव और असम प्रभारी जितेंद्र सिंह, असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया और राज्य के पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी थे।

जैसे ही राहुल गांधी ने गायक को श्रद्धांजलि दी, वहां मौजूद भीड़ ने नारे लगाए ‘जुबिन को न्याय मिले’ और ‘जुबिन की जय’। राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेता जमीन पर बैठे और वहां आयोजित ‘नाम-कीर्तन’ (प्रार्थना) में भाग लिया। कांग्रेस नेता ने श्मशान घाट पर ‘नाहोर’ (भारतीय गुलाब शाहबलूत) का पौधा भी लगाया, जिसे जुबिन बहुत पसंद करते थे।

इसके बाद राहुल गांधी ने जुबिन गर्ग के शोक संतप्त परिवार के सदस्यों से मुलाकात कर उनके प्रति अपनी संवेदना व्यक्त कीं। ज़ुबीन गर्ग को श्रद्धांजलि देने के बाद राहुल गांधी ने कहा, “मैंने परिवार से कहा कि मैं बेहतर परिस्थितियों और खुशहाल परिस्थितियों में आना पसंद करता। जब मैं 17 साल का था, तब मैं सिक्किम में पर्वतारोहण का कोर्स करने गया था। और हर दिन जब हम प्रशिक्षण के लिए जाते थे, तो मैं अपने सामने कंचनजंगा पर्वत को देखता था। और मुझे उस पर्वत की सबसे अच्छी बात यह लगी कि वह ईमानदार, पारदर्शी, अडिग और सुंदर था।

राहुल गांधी ने कहा, आज, जब मैं आ रहा था, गौरव ने बताया कि जुबिन जी ने कहा था कि वह कंचनजंगा हैं, और मुझे तुरंत एहसास हुआ कि वह कंचनजंगा हैं क्योंकि उनमें कंचनजंगा के गुण थे। यह एक त्रासदी है जिसका सामना पूरे राज्य ने किया है। मैंने परिवार से बात की, और उन्होंने मुझसे केवल एक ही बात कही कि हमने अपने ज़ुबीन को खो दिया है और हम बस यही चाहते हैं कि सच्चाई सामने आए। सरकार का कर्तव्य है कि जो कुछ हुआ है उसकी तुरंत जांच करे, पारदर्शी तरीके से जांच करे, और परिवार को बताए कि सिंगापुर में वास्तव में क्या हुआ था…।”

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या वह दिवंगत गायक जुबीन गर्ग के लिए भारत रत्न की मांग करेंगे, विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, “मैं विषय से भटकना नहीं चाहता। मैं चर्चा को संवेदना व्यक्त करने से, असम के लोगों को यह बताने से नहीं भटकाना चाहता कि हम जुबीन गर्ग से प्यार करते हैं। हम उन्हें सम्मान देना चाहते हैं। लेकिन सबसे पहले, हम पारदर्शिता और न्याय चाहते हैं। सिंगापुर में जो हुआ, असम में हर किसी को यह पता होना चाहिए। और यह जितनी जल्दी हो, उतना ही बेहतर है।”

इससे पहले राहुल गांधी ने दिवंगत ज़ुबीन गर्ग के आवास पर जाकर उनके परिवार से मुलाकात की और अपनी संवेदना व्यक्त कीं। कांग्रेस ने कहा कि ज़ुबीन एक प्रसिद्ध सांस्कृतिक हस्ती थे जिनके संगीत ने लाखों लोगों के दिलों को छुआ। उनकी विरासत उनके परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के दिलों में आज भी जीवित है। असम के सांस्कृतिक प्रतीक और हृदय की धड़कन के निधन पर पूरा देश शोक में है। ज़ुबीन जी अपने पीछे एक अद्वितीय विरासत छोड़ गए हैं जिसे युगों-युगों तक याद रखा जाएगा।

गौरतलब है कि असम के बेहद लोकप्रिय गायक जुबिन गर्ग (52) की 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी। 23 सितंबर को गुवाहाटी के पास सोनापुर में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया था। असम सरकार ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है, जो उनकी मृत्यु के कारणों की जांच कर रही है। अब तक इस मामले में जुबिन के प्रबंधक, कार्यक्रम आयोजक और जुबिन के चचेरे भाई समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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