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दस प्रयोगशाला विद्यालय बनेंगे नवाचार के केंद्र

– डीएलएड प्रशिक्षु करेंगे शिक्षण की प्रयोगात्मक तैयारी
– उन्मुखीकरण कार्यक्रम को संबोधित करते वक्ता।
फतेहपुर। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में प्रयोगशाला विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों व डीएलएड प्रशिक्षुओं का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान की प्राचार्य आरती गुप्ता ने दीप प्रज्जवलित कर किया। उन्होंने प्रयोगशाला विद्यालयों की संकल्पना एवं उद्देश्य पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए बताया कि निदेशक, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उत्तर प्रदेश लखनऊ के निर्देशन में इस योजना को मूर्तरूप दिया गया है। उन्होंने बताया कि परिषद द्वारा जारी निर्देशों के क्रम में डायट द्वारा भिटौरा, तेलियानी व नगर क्षेत्र के दस विद्यालयों को प्रयोगशाला विद्यालय के रूप में चयनित किया गया है, जिन्हें फरवरी 2026 तक निपुण विद्यालयों के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रत्येक विद्यालय हेतु एक प्रवक्ता को नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा, जिनकी देखरेख में डीएलएड प्रशिक्षु कार्य करेंगे। कार्यक्रम के नोडल अमृत कुमार यादव ने बताया कि इन विद्यालयों को शिक्षण-अधिगम की प्रयोगशाला के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रारंभ में बेसलाइन सर्वे किया जाएगा, तत्पश्चात रोस्टर के अनुसार प्रशिक्षुओं को विद्यालयों में एक सप्ताह के लिए भेजा जाएगा, जहां वे शिक्षण, पुस्तकालय, स्मार्ट क्लास, खेलकूद, प्रातःकालीन व सांयकालीन सभाओं में सक्रिय भागीदारी करेंगे। कार्यक्रम की प्रभावशीलता का मूल्यांकन एंड लाइन सर्वे के माध्यम से किया जाएगा। संस्थान की प्रवक्ता भारती सिंह ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता और शिक्षण अधिगम विषय पर प्रभावी सत्र लिया। इस दौरान सेक्शन ए के प्रशिक्षुओं ने सहभागिता की। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन प्रवक्ता अमृत कुमार यादव, सेवा पूर्व प्रशिक्षण प्रभारी ने किया। कल शेष शिक्षकों और प्रशिक्षुओं का उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

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