प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला मामले में बड़ा एक्शन लिया है. 10 नवंबर 2025 को ईडी के रायपुर टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की 61.20 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर दी. यह कुर्की मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत अस्थायी रूप से की गई है.
कुर्क की गई संपत्ति में क्या-क्या है?: 364 आवासीय प्लॉट और खेती की जमीनें, जिनकी कीमत करीब 59.96 करोड़ रुपये है. बैंक खातों में जमा राशि और फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में 1.24 करोड़ रुपये. यह जांच छत्तीसगढ़ पुलिस की एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज FIR पर आधारित है. पुलिस की जांच में पता चला कि इस घोटाले से राज्य को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ और करीब 2500 करोड़ रुपये से ज्यादा की काली कमाई हुई, जिसे कई लोगों में बांटा गया. ईडी का दावा है कि चैतन्य बघेल इस पूरे शराब सिंडिकेट के मालिक थे. वे सबसे ऊपर बैठकर सारे फैसले लेते थे. अवैध पैसे की हिसाब-किताब की पूरी व्यवस्था उनके पास थी. पैसे इकट्ठा करना, बांटना और इस्तेमाल करना – सब उनके इशारे पर होता था. ईडी ने पाया कि चैतन्य बघेल ने काला धन अपनी रियल एस्टेट कंपनी ‘बघेल डेवलपर्स’ के जरिए सफेद करने KI कोशिश की. उनकी कंपनी की ‘विठ्ठल ग्रीन’ प्रोजेक्ट में शराब घोटाले का पैसा लगाया गया. चैतन्य बघेल को ईडी ने 18 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया था. अभी वे जेल में हैं.
पूर्व IAS अधिकारी अनिल टूटेजा
अरविंद सिंह
त्रिलोक सिंह ढिल्लों
अनवर देवर
अरुण पाटी त्रिपाठी (ITS)
त्रिलोक सिंह ढिल्लों
अनवर देवर
अरुण पाटी त्रिपाठी (ITS)
कवासी लखमा (तत्कालीन आबकारी मंत्री और विधायक) बता दें कि इस वक्त 61.20 करोड़ की कुर्की नई है. इससे पहले ईडी ने इस मामले में करीब 215 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी. यानी कुल मिलाकर अब तक 276 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त हो चुकी है. यह मामला छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के समय के शराब कारोबार में हुई बड़े पैमाने पर लूट का है. ईडी की जांच अभी भी जारी है और आगे और खुलासे हो सकते हैं.
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