दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट की जांच तेज हो गई है. अब तक 800 से ठिकानों पर छापेमारी कर सुरक्षा एजेंसियों ने सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया है. फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉ. शाहीन और उसके भाई डॉ. परवेज के काले करतूतों की परतें अब खुलने लगी है. जांच में खुलासा हुआ है कि परवेज लाखों रुपये की नौकरी छोड़कर आतंकी दुनिया में अपने पैर जमा रहा था. वहीं, उसकी बहन शाहीन जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग की कमान संभाले हुई थी. सुरक्षा एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि डॉ. परवेज अंसारी इंटीग्रल विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनात था. वह अपनी पौने दो लाख रुपये महीने की नौकरी छोड़कर आतंकी दुनिया में पैर जमा रहा था. विश्वविद्यालय को बिना नोटिस दिए ही परवेज ने लाल किले के सामने हुए धमाके से तीन दिन पहले ही नौकरी छोड़ दी थी. 7 नवंबर को उसने विश्वविद्यालय प्रबंधन को ईमेल के जरिए रेजिग्नेशन भेजा था.
उमर से हुई थी शाहीन और परवेज की मुलाकात
इसके अलावा, यह भी जांच में सामने आया है कि नौकरी छोड़ने से पहले ही डॉ. परवेज अपनी बहन शाहीन के साथ जैश के आतंकी आकाओं से मिल चुका था. उनकी यह मुलाकात दिल्ली और कानपुर में हुई थी. इन बैठक में हापुड़ से पकड़ा गया डॉ. फारुक अहमद, कानपुर से पकड़ा गया डॉ. आरिफ मीर और फरीदाबाद से पकड़ा गया डॉ. मुजम्मिल शामिल हुआ था. दिल्ली ब्लास्ट के मुख्य आरोपी उमर से भी परवेज और शाहीन की एक बार मुलाकात हुई थी.
जांच में जुटी एजेंसियां
जांच में खुलासा हुआ कि मुलाकात के बाद ही दिल्ली ब्लास्ट का ब्लू प्रिंट तैयार किया गया था. इसकी अलावा भी जांच में कई हैरान करने वाली बात सामने आई है. बताया जा रहा है कि बहन ने ही अपने भाई को दिमाग में भारत के लिए जहर घोला था. फिलहाल अब भी पुलिस और तमाम एजेंसियों दिल्ली ब्लास्ट और देश में मौजूद आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई और जांच में जुटी हुई है.
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