– स्कूलों का विलय गरीब, किसान, मजदूर से शिक्षा छीनने जैसा
– रोष मार्च निकालते अटेवा के पदाधिकारी व कार्यकर्ता।
फतेहपुर। अटेवा एनएमओपीएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आवाहन पर अटेवा पेंशन बचाओ मंच के तत्वाधान में एनपीएस, यूपीएस एवं विद्यालय मर्जर के खिलाफ रोष मार्च निकाला गया। रोष मार्च में सर्वप्रथम सभी शिक्षक एवं कर्मचारी नहर कॉलोनी में एकत्र हुए और वहां से तख्ती, बैनर, पोस्टर के साथ सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पटेलनगर व पत्थरकटा चौराहा होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। कलेक्ट्रेट में सभी ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन दिया। अटेवा पेंशन बचाओ मंच के अध्यक्ष निधान सिंह ने कहा कि यदि एनपीएस व यूपीएस इतनी अच्छी स्कीम है तो सर्वप्रथम सत्ता में बैठे हुए लोगों को अपने ऊपर इसे लागू करना चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि पेंशन हमारा संवैधानिक हक है हम इसे लेकर रहेंगे। विद्यालयों के विलय पर बोलते हुए कहा कि जो बच्चा अपने गांव के स्कूल में बड़ी मुश्किल से जा पाता है वह डेढ़ से दो किलोमीटर दूर दूसरे गांव में कैसे जा पाएगा। शिक्षा का अधिकार अधिनियम कहता है कि प्रत्येक बच्चे को उसके पड़ोस में स्कूल मिलना चाहिए। यह विलय का आदेश आरटीई एक्ट का उल्लंघन है। इसको समाप्त किया जाना चाहिए यह गरीब, मजदूर, किसान, पिछड़ा, दलित से उनकी शिक्षा को छीनता है। जिला संयोजिका डॉक्टर असफिया मजहर ने कहा कि अब इस आंदोलन में मातृ शक्तियों की भागीदारी बढ़-चढ़कर हो गई है और वह दिन दूर नहीं जब हम अपना छीना हुआ हक हासिल कर लेंगे क्योंकि जिस भी संघर्ष में मातृशक्तियां शामिल हो जाती हैं। उस आंदोलन को कोई भी रोक नहीं सकता है। लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष दिनेश सिंह ने भी आह्वान किया कि जरूरत पड़ी तो कलम बंद हड़ताल भी की जाएगी लेकिन हम अपना हक जरूर हासिल करेंगे। राष्ट्रीय नेतृत्व के आवाहन पर 25 नवंबर को दिल्ली में एक विशाल धरना प्रदर्शन होगा जो विश्व इतिहास में दर्ज होगा। हेमचंद चौधरी जिला संगठन मंत्री स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि हम सब की दवाई करते हैं और बुढ़ापे में हमीं अपनी दवाई के लिए तरसेंगे। ऐसा कतई नहीं होगा। पेंशन हमारा हक है हम इसे लेकर रहेंगे। इस मौके पर तमाम कर्मचारी, शिक्षक भी मौजूद रहे।
