कानपुर- काकादेव में मकान के विवाद में चाचा की नृशंस हत्या के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने भतीजे समेत दो आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। दो अन्य आरोपी सगे भाइयों की ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है। दोषियों ने नवंबर 2010 में युवक की हत्या कर शव बोरी में भरकर नाले के किनारे छिपाया था और मृतक की पत्नी को धमकाकर खून से सने कपड़े जलवाए थे।
मतैइयापुरवा निवासी बेबी सोनकर ने बताया उसके पति मान सिंह का अपने भाई रमेश चंद्र सोनकर, कैलाश सोनकर व भतीजे रवि सोनकर से विवाद था। 6 नवंबर 2010 की रात वह पति व दो बेटियों दीक्षा व अंकिता के साथ सो रही थीं, तभी मोहल्ले का दिनेश पासी जेठ रमेश चंद्र सोनकर, कैलाश उर्फ बंगाली व भतीजा रवि सोनकर आ गए। पति को धारदार हथियार से काटकर मौत के घाट उतार दिया। शोर मचाने पर बेबी और उसकी बेटियों को भी हत्या की धमकी दी।
पीड़िता के अनुसार हत्या के बाद आरोपियों ने उसी खून के कपड़े जलवाए और पति की लाश को सीमेंट की बोरी में भरकर ले गए। चार दिन बाद हत्यारोपी जेठ रमेश चंद्र सोनकर ने काकादेव पुलिस को दो टुकड़ों में शव मिलने की सूचना दी। 14 नवंबर को बेबी ने जेठ-भतीजे समेत चार के खिलाफ पति की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई। जिस पर पुलिस ने हत्यारोपी भाई रमेश चंद्र सोनकर, कैलाश सोनकर व भतीजे रवि सोनकर व पड़ोसी दिनेश पासी को गिरफ्तार कर जेल भेजा। मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल पर था। ट्रायल के दौरान हत्यारोपी कैलाश व रमेश चंद्र की मौत हो गई। अभियोजन पक्ष की ओर से मृतक की पत्नी व बेटियों समेत 8 गवाहों ने बयान दर्ज कराए। कोर्ट ने हत्यारोपी भतीजे रवि सोनकर व पड़ोसी दिनेश पासी को आजीवन कारावास व 17–17 हजार जुर्माने की सजा सुनाई।