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औरंगाबाद बनेगा ‘बिजली की राजधानी’: थर्मल, हाइड्रो और अब सोलर एनर्जी का हब बनने की तैयारी

औरंगाबाद: बिहार का औरंगाबाद जिला जल्द ही बिजली उत्पादन का केंद्र बनने जा रहा है। यहां पहले से ही ताप और जल विद्युत का उत्पादन हो रहा है। अब बिहार सरकार यहां 500 मेगावाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट लगाने जा रही है। इससे औरंगाबाद ताप, जल और सौर ऊर्जा से बिजली बनाने वाला अनूठा जिला बन जाएगा। दरअसल, औरंगाबाद के पूर्व सांसद वीरेंद्र कुमार सिंह ने सोलर पावर प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया था। मुख्यमंत्री ने इस पर सहमति जताई है। यह प्लांट बारुण प्रखंड के मेंह पंचायत में सोन नदी के किनारे लगेगा। सरकार को जमीन अधिग्रहण करने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि पर्याप्त सरकारी जमीन उपलब्ध है।

1980 मेगावाट का बिजली प्रोजेक्ट चल रहा: बता दें कि औरंगाबाद पहले से ही ताप और जल विद्युत उत्पादन का केंद्र है। यहां NTPC लिमिटेड का 1980 मेगावाट का बिजली प्रोजेक्ट चल रहा है। इसमें 4380 मेगावाट की तीन और यूनिट लगाई जाएंगी। इसके अलावा, भारतीय रेल बिजली कंपनी का 1000 मेगावाट का प्रोजेक्ट भी यहां है। रफीगंज में 20 मेगावाट का एक सोलर पावर प्लांट भी है। बारुण में जल विद्युत परियोजना भी 1993 से चल रही है। वहीं, अब बारुण प्रखंड के मेंह पंचायत में सोलर पावर प्लांट लगने से यह जिला थर्मल, हाइड्रो और सोलर पावर तीनों के उत्पादन के लिए जाना जाएगा। इससे औरंगाबाद ‘बिहार की बिजली राजधानी’ के रूप में अपनी पहचान बनाएगा।

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