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भ्रष्टाचार की नींव पर टिका है बांदा दांदो किशनपुर पक्का पुल – प्रवीण पाण्डेय ‘बुंदेलखंडी’

– रक्षाबंधन पर पुल बंद होने से यात्रियों को भारी परेशानी, फतेहपुर-बांदा के बीच थमा यातायात
बुंदेलखंड राष्ट्र समिति ने की स्वतंत्र जांच की मांग

बांदा । 92 करोड़ की लागत से बना किशुनपुर-दांदो पक्का पुल एक बार फिर भ्रष्ट निर्माण कार्यों और तकनीकी खामियों के कारण सवालों के घेरे में है। रक्षाबंधन के दिन जब लोगों को अपने परिजनों तक पहुंचना था, तब पुल के एप्रोच मार्ग के धंसने से प्रशासन ने यातायात पूरी तरह रोक दिया। बांदा और फतेहपुर को जोड़ने वाला यह पुल अब जनता के लिए ‘पार का साधन’ नहीं, बल्कि ‘पीड़ा का प्रतीक’ बन गया है।

बार-बार धंस रहा एप्रोच रोड
अप्रैल 2024 में तैयार हुए इस पुल के तुर्की नाला वाले हिस्से की सड़क बार-बार बह जाती है। एप्रोच रोड में मानक के अनुसार पिचिंग नहीं की गई, जिससे बारिश में मिट्टी कटकर सड़क धंस जाती है। अब तक पांचवीं बार रास्ता बंद करना पड़ा है। इस बार पर्व के दिन बहनों को भाइयों से मिलने में भारी कठिनाई हुई।

“भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा” – प्रवीण पाण्डेय
बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के केंद्रीय अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय ‘बुंदेलखंडी’ ने कहा, “2015 में जिसकी घोषणा हुई और 2024 में बनकर तैयार हुआ पुल, वह हर कुछ महीनों में धंस जाता है। यह स्पष्ट संकेत है कि यह 92 करोड़ रुपये का पुल भ्रष्टाचार की नींव पर खड़ा है। विभागीय लापरवाही और ठेकेदारों की मिलीभगत से जनता की गाढ़ी कमाई डुबोई जा रही है।”

उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “कम जानकारों ने बनाया तो 92 करोड़ लग गए, अब जब ‘होशियारों’ की टीम IIT कानपुर से इसे ठीक करेगी, तब और कितने करोड़ लगेंगे?”

NGT नियमों का उल्लंघन
पाण्डेय ने आरोप लगाया कि NGT के नियमों को ताक पर रखकर जलधारा रोकी गई और मानक से घटिया एप्रोच मार्ग बनाया गया। “तुर्की नाला भ्रष्टाचार का जीता-जागता सबूत है। किस-किस की जेब भरी गई, पहले लोक निर्माण विभाग इसका जवाब दे,” उन्होंने कहा।

जनता की मांग
बुंदेलखंड राष्ट्र समिति ने इस मामले में स्वतंत्र जांच, दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई और संबंधित ठेकेदार की ब्लैकलिस्टिंग की मांग की है।

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