पांच पीढ़ियों का भाईचारा खूनी जंग में बदला : हरियाणा के जींद में मंगलवार-बुधवार की रात 2 बजे हुए डबल मर्डर मामले में पुलिस ने 24 घंटे में ही तीन आरोपियों को पकड़ लिया है। खुलासा हुआ कि प्रॉपर्टी विवाद की चिंगारी ने दो परिवारों के पांच पीढ़ियों पुराने रिश्तों को राख में बदल दिया। पुलिस ने मृतकों के गांव के ही पिता-पुत्र और दोस्त को गिरफ्तार किया है। इन्होंने ही गैस एजेंसी संचालक भाइयों सतीश और दिलबाग की गोली मारकर हत्या की थी। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में गांव निर्जन निवासी सुरेश, उसका बेटा मोहित और उसका साथी लक्ष्य शामिल हैं।
पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों को अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा ताकि वारदात में इस्तेमाल हुए हथियार और वाहन की बरामदगी की जा सके। पुलिस के अनुसार, सतीश और दिलबाग मंगलवार रात करीब 2 बजे एजेंसी के बाहर बैठे थे, जब तीनों आरोपी वहां पहुंचे और ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर फरार हो गए। मौके पर ही दोनों की मौत हो गई। मोहित सिंचाई विभाग में बेलदार है जबकि लक्ष्य सोनीपत रोडवेज में स्टोरकीपर के पद पर कार्यरत है। पुलिस अब इस मामले की तह तक जाकर हर पहलू की जांच कर रही है। आरोपियों के सरकारी कर्मचारी होने के कारण यह मामला और भी संवेदनशील बन गया है।
डीएसपी जितेंद्र और सिविल लाइन थाना प्रभारी विनोद कुमार ने प्रेसवार्ता में बताया कि हत्या के पीछे की जड़ें एक लंबे समय से चल रहे जमीनी विवाद में छिपी हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि आरोपी सुरेश का परिवार निर्जन में सतीश और दिलबाग के पूर्वजों की बदौलत बसा था। आरोपी सुरेश का परिवार दलाल गोत्र का है और मृतक सतीश व दिलबाग फोर गोत्र के हैं। पांच पीढ़ि पूर्व सुरेश के परिवार को जमीन देकर गांव में बसाया था। करीब पांच पीढ़ियों से दोनों परिवारों में भाईचारा था, लेकिन अब जमीन की कीमतें बढ़ी तो रिश्ते बिगड़ने लगे।
जानकारी के अनुसार, मृतक सतीश और दिलबाग ने पिछले वर्ष अक्टूबर में सफीदों रोड पर अपने हिस्से की जमीन पर एक कॉलोनी बनाई थी, जिसे नगर परिषद से मंजूरी मिल गई थी। इस इलाके की कीमतें हाईवे और फ्लाईओवर के चलते आसमान छूने लगी थीं। इसी जमीन से होकर जाने वाली तीन गलियों को लेकर सुरेश और सतीश के बीच विवाद शुरू हुआ, जब सतीश ने इन गलियों पर दीवार खड़ी कर सुरेश के खेतों तक पहुंच रोक दी।
मामला नगर परिषद और अदालत तक भी पहुंचा। इस वजह से इनके बीच मनमुटाव बढ़ गया। मंगलवार शाम को एक छोटी सी कहासुनी ने घटना की चिंगारी को आग में बदल दिया। आरोपी सुरेश का बेटा मोहित तेज रफ्तार से गाड़ी चलाते हुए आया, जिससे धूल उड़ने पर सतीश ने उसे टोका। इसी बात पर विवाद हुआ और बात मारपीट तक पहुंच गई। रात करीब 11 बजे आरोपियों ने सतीश के बेटे की गाड़ी पर भी फायरिंग की, लेकिन वह बाल-बाल बच निकला। इसके बाद देर रात 2 बजे उन्होंने गैस एजेंसी पर हमला कर दिया।