…संवाददाता: सैयद समीर हुसैन
मुंब्रा : रिक्शा चालकों और व्यापार मंडल के बीच किराए के मसले पर विवाद गहराता जा रहा है। जानकारी के मुताबिक मुंब्रा व्यापार मंडल के अध्यक्ष हीरा लाल गुप्ता ने बढ़ते रिक्शा भाड़े को लेकर परिवहन विभाग (आरटीओ) में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। इसी के बाद आरटीओ विभाग ने नए बोर्ड लगाकर भाड़े की दरें प्रदर्शित कर दीं।
इस कदम से नाराज़ होकर रिक्शा यूनियन ने अचानक हड़ताल की घोषणा कर दी। यूनियन का कहना है कि बीते 15 सालों में रिक्शा चालकों को उनके हक का उचित भाड़ा नहीं मिला, जिसके चलते उन्हें घाटे में रिक्शा चलाना पड़ रहा है।
दिलचस्प बात यह है कि घाटे की शिकायत के बावजूद मुंब्रा की सड़कों पर रिक्शों की संख्या लगातार बढ़ रही है। लगभग 3 किलोमीटर के दायरे में ही 6 हज़ार से ज्यादा रिक्शे दौड़ रहे हैं, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या गंभीर होती जा रही है।स्थानीय लोगों का कहना है कि लॉकडाउन से पहले, लॉकडाउन के बाद और वर्तमान में भाड़े की दरों में पारदर्शिता नहीं रही है। यही कारण है कि जनता और चालक दोनों असमंजस में हैं कि आखिर किसे फायदा और किसे नुकसान हो रहा है। रिक्शा यूनियन ने फिलहाल 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। इसके बाद यह तय होगा कि मुंब्रा की जनता और रिक्शा चालकों को राहत मिलेगी या परेशानी। यूनियन लगातार आरटीओ और स्थानीय प्रशासन से संपर्क में है और सभी की निगाहें नए फैसले पर टिकी हैं। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह विवाद किस ओर करवट लेता है और जनता बनाम रिक्शा चालक की यह खींचतान किसे राहत पहुंचाती है।