फतेहपुर। नगर स्थित महर्षि विद्या मन्दिर के सभागार में कार्यक्रम का आयोजन कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिये हुआ। जिसमें लगभग 372 विद्यार्थियों ने विद्यालय से व शेष ने अपने-अपने घरों से प्रतिभाग किया। ठीक 11 बजे प्रोजेक्टर पर इसका जीवंत प्रसारण किया गया। छात्रों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया। जिसमें केवल परीक्षार्थियों को ही नहीं, शिक्षकों और अभिभावकों को भी परीक्षा के तनाव से मुक्त रहने के गुर बहुत ही सरल और व्यावहारिक तरीके से दिये गये। विद्यार्थियों के लिए सुझाव देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जीवन को सिर्फ परीक्षा तक ही नही इसे समग्रता में देखना चाहिए। परीक्षा जीवन का छोटा-मोटा पड़ाव है। उन्होंने अभिभावकों से भी अपील की कि वे बच्चों की इच्छाओं और आकांक्षाओं को समझ कर उनकी रुचि के अनुसार आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। अपने बच्चे की तुलना कभी किसी अन्य बच्चे से नही करना चाहिए। समय प्रबंधन का अवश्य ध्यान देना चाहिए। कभी कभी हमें जो नही आता उसमें अधिक समय व श्रम गंवाते है। इससे आने वाले प्रश्न भी समय के आभाव में छूट जाते है। परीक्षा की परवाह किये बिना विद्यार्थियों को तैयारी करनी चाहिए। शिक्षकों को सीख देते हुए उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में निहित सकारात्मक ऊर्जा को पहचान कर सम्भावनाओं के वट वृक्ष निखरने दें। विद्यालय की कक्षा 11 वीं की छात्रा सिमरन मिश्रा ने कहा कि यह कार्यक्रम परीक्षार्थियों को तनाव और अवसाद से निकाल कर उनके मनोबल बढ़ाने में उपादेय सिद्ध होगा। वहीं सृजन तिवारी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम परीक्षार्थियों में आत्मविश्वास व उत्साह पैदा करने में सहायक होते है। विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रमोद कुमार त्रिपाठी ने कहा कि जीवन के हर पल में परीक्षा होती रहती है। यह केवल पेन पेपर से नही ऑकी जा सकती। जीवन में अच्छा बनने के लिए अच्छा कार्य करने की जरूरत है। आपको यह निश्चित करना है कि आप को क्या बनना है। आपका जीवन आपके ही हाथों में है। बिना किसी दबाव या तनाव के परीक्षा में प्रतिभाग करना चाहिए क्योंकि इससे आपको कुछ नया सीखने का अवसर भी मिलता है।
