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समंदर में ही रोक दी गई उम्मीद: इज़राइल ने पलट दी गाजा जाने वाली ‘शांति यात्रा’

 

गाजा के लिए रवाना हुए मानवीय मदद के बेड़े ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला (Global Sumud Flotilla) को इजराइली नौसेना ने बीच समुद्र में रोक लिया है. इन नौकाओं पर अलग-अलग देशों से आए कार्यकर्ता सवार थे. स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग भी इस बेड़े में थीं. इजराइल ने उन्हें और बाकी कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया.

 

 

इसके बाद इजराइली विदेश मंत्रालय ने एक वीडियो जारी किया. उसमें कहा गया कि सभी लोग सुरक्षित हैं. उन्हें एक इज़राइली बंदरगाह ले जाया जा रहा है. यह घटना उस समय हुई है जब गाजा में हालात बेहद खराब हैं. संयुक्त राष्ट्र भी चेतावनी दी चुका है कि गाजा में भुखमरी और कुपोषण तेजी से बढ़ रहा है.

ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला क्या है और इसमें कौन थे?

ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला अब तक का सबसे बड़ा समुद्री मानवीय अभियान है. ये 31 अगस्त 2025 को स्पेन से रवाना हुआ और रास्ते में इटली, ग्रीस और ट्यूनिसिया जैसे बंदरगाहों पर रुका. इस मिशन में शुरू में 50 से ज्यादा नौकाएं और 44 देशों से आए कार्यकर्ता, सांसद और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे.

इसमें 500 से अधिक लोग सवार थे जिनमें खास नाम ग्रेटा थनबर्ग, नेल्सन मंडेला के पोते मांडला मंडेला और इटली के कुछ सांसद भी शामिल हैं. अमेरिका से भी 24 कार्यकर्ता और सैन्य वेटरन्स इस अभियान का हिस्सा थे. फ्लोटिला का मकसद गाजा पर 18 साल से जारी इजराइली नौसैनिक नाकाबंदी को चुनौती देना और वहाँ भोजन, पानी, दवाइयाँ जैसी मानवीय मदद पहुँचाना था.

रास्ते में चुनौतियाँ और हमलों का सामना करना पड़ा

सफर के दौरान इन नौकाओं को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि माल्टा और क्रीट के पास कुछ जहाजों पर ड्रोन हमले हुए जिससे कई जहाज क्षतिग्रस्त हो गए और पीछे हटना पड़ा. इसके बावजूद लगभग 44 जहाज पूर्वी भूमध्य सागर तक पहुँचने में सफल रहे. स्पेन और इटली ने अपने युद्धपोत भी तैनात किए ताकि फ्लोटिला पर नजर रखी जा सके और जरूरत पड़ने पर मदद दी जा सके. यूरोप और दूसरे देशों की सरकारों ने भी सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की.

इजराइल ने क्यों कार्रवाई की?

इजराइली नौसेना ने बुधवार शाम करीब 13o किलोमीटर दूर फ्लोटिला को घेर लिया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इजराइली जहाजों ने तेज रोशनी और पानी की तोपों का इस्तेमाल किया और फिर जहाजों पर चढ़कर उन्हें कब्ज़े में ले लिया.

इजराइल ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर कार्यकर्ताओं का इरादा वाकई मानवीय मदद पहुँचाना है तो वे अश्केलोन बंदरगाह पर रुकें, जहाँ जांच के बाद सामग्री गाजा भेजी जाएगी. लेकिन कार्यकर्ताओं ने इसे स्वीकार नहीं किया और गाजा की ओर बढ़ते रहे.

हमास से कनेक्शन का आरोप लगाता है इजराइल

गाजा पर इजराइली नाकाबंदी 2007 से लागू है, जब हमास ने यहाँ सत्ता संभाली थी. अक्टूबर 2023 में हमास के हमले और उसके बाद शुरू हुए युद्ध के बाद से यह नाकाबंदी और कड़ी कर दी गई है. इजराइल का दावा है कि फ्लोटिला का हमास से संबंध है और इसके जरिए सुरक्षा को खतरा हो सकता है. जबकि आयोजकों का कहना है कि यह पूरी तरह मानवीय पहल है और इसका मकसद केवल गाजा की जनता तक राहत सामग्री पहुँचाना है.

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