लाहौर: पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना प्रमुख असीम मुनीर पर निशाना साधा है। खान ने कहा कि जनरल सेना का अपमान कर रहे हैं और सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय हितों की बलि दे रहे हैं। खान ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘देश मुनीर के कानून के तहत चल रहा है और आईएसआई (खुफिया एजेंसी) उसे संरक्षण दे रही है। वह सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए हर राष्ट्रीय हित की बलि देने को तैयार हैं। मौजूदा सेना प्रमुख सेना का अपमान वैसे ही कर रहे हैं, जैसे याह्या खान ने किया था।’’ पूर्व सेना प्रमुख जनरल याह्या खान के शासन में पूर्वी पाकिस्तान में गृहयुद्ध हुआ था, जिसके परिणामस्वरूप एक स्वतंत्र देश बांग्लादेश का उदय हुआ था।
‘मुनीर के गुर्गों से भरी पड़ी हैं अदालतें’
इमरान खान ने कहा, ‘‘इस समय सीनेट, नेशनल असेंबली, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति सभी असंवैधानिक हैं। एक दिखावटी संवैधानिक न्यायालय बनाया गया, जिसने संसद में हमारी सीट संख्या कम कर दी।’’ खान कई मामलों में दो साल से जेल में बंद हैं। उन्होंने कहा कि एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की सीट दूसरों को सौंप दी गईं। खान ने आरोप लगाया कि संवैधानिक अदालतें, जो न्याय करने के लिए बनी हैं, अब मुनीर के गुर्गों से भरी पड़ी हैं। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा पर ऐतिहासिक चुनावी धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है।
जेल में खान के साथ क्या हो रहा है?
बता दें कि, यह पहला मौका नहीं है जब इमरान खान ने असीम मुनीर को लेकर बयान दिया है। हाल ही में खान ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था कि जेल में उनके साथ होने वाला कठोर व्यवहार और भी बढ़ गया है। यही रवैया उनकी बेगम बुशरा बीबी के खिलाफ भी अपनाया जा रहा है। खान ने कहा था कि उनकी कोठरी का टीवी भी बंद कर दिया गया है। उन्होंने दावा किया था कि वह जानते हैं कि एक कर्नल और जेल अधीक्षक ‘असीम मुनीर के आदेश पर’ ऐसी कार्रवाई कर रहे हैं।
‘असीम मुनीर होंगे जिम्मेदार’
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि मैं अपनी पार्टी को स्पष्ट निर्देश देता हूं कि अगर जेल में मेरे साथ कुछ भी होता है तो असीम मुनीर को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा था मैं अपनी पूरी जिंदगी जेल में बिताने को तैयार हूं, लेकिन अत्याचार और दमन के आगे झुकने का सवाल ही नहीं उठता। पाकिस्तान की जनता के लिए मेरा संदेश एक ही है, किसी भी हालत में इस दमनकारी व्यवस्था के आगे ना झुकें।