बरेली जिले में निवेश के नाम पर आम लोगों से करोड़ों रुपये ठगने का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. अमर ज्योति रुहेलखंड निधि लिमिटेड नाम की कंपनी के खिलाफ रविवार को शहर में जमकर बवाल हुआ. अपनी मेहनत की कमाई डूबने से नाराज सैकड़ों महिलाएं और अन्य निवेशक पहले आरोपियों के घर पहुंचे और फिर कोतवाली पहुंचकर पुलिस से कार्रवाई की मांग करने लगे. दो घंटे तक कोतवाली परिसर में हंगामा चलता रहा. आरोप है कि कंपनी बदायूं में भी बड़े फर्जीवाड़े में पकड़ी जा चुकी है, जहां सैकड़ों लोगों के करोड़ों रुपये लेकर कंपनी के संचालक फरार हो गए थे. उसी की सह कंपनी बताए जा रहे अमर ज्योति रुहेलखंड निधि लिमिटेड ने बरेली में भी यही खेल दोहरा दिया.
कंपनी से जुड़े मुख्य आरोपी सूर्यकांत मौर्य और उसका भाई शशिकांत मौर्य दोनों कई महीनों से फरार हैं. पुलिस ने दोनों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा है. इन दोनों का भांजा अनूप मौर्य, जो बाग ब्रिगटान में रहता है, वो भी इस पूरे मामले में संदेह के दायरे में है और महीनों से छिपा हुआ बताया जा रहा था. रविवार को खबर आई कि अनूप अपने घर पर मौजूद है. यह सुनते ही गुस्साए निवेशक घर पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया. परिवार ने खुद को कमरे में बंद कर लिया तो भीड़ और भड़क उठी. हालात बिगड़ते देख लोग सीधे कोतवाली पहुंच गए और पुलिस से शिकायत दर्ज करने की मांग करने लगे.
‘अनूप ने दोगुना मुनाफा देने का झांसा दिया’
कोतवाली में मौजूद महिलाओं ने बताया कि अनूप मोहल्ले-मोहल्ले जाकर निवेश करवाता था और लोगों को दोगुना पैसा देने का लालच देता था. पड़ोस में रहने वाली कृष्णा मौर्य ने शिकायत देते हुए कहा कि उनके मोहल्ले के करीब 150 लोगों ने अनूप की बातों पर भरोसा करके लाखों रुपये कंपनी में जमा किए थे, लेकिन कंपनी के निदेशक रातों-रात भाग निकले और सबकी जमा पूंजी फंस गई.
विकास वर्मा नाम के एक अन्य निवेशक ने बताया कि उन्होंने अनूप को तीन लाख रुपये दिए थे. राशि मांगने पर अनूप के परिवार की ओर से धमकी दी जाती है. भीड़ ने यह आरोप भी लगाया कि अनूप ने हाल ही में एक करोड़ रुपये का आलीशान मकान बनवाया है और उसी रकम से उसने अपनी संपत्ति बढ़ाई है. लोगों का कहना था कि मकान बेचकर वह निवेशकों का पैसा लौटा सकता है.
भीड़ से बचते हुए अनूप कोतवाली पहुंचा
स्थिति गंभीर होती देख पुलिस अनूप के घर पहुंची और उसे भीड़ से बचाकर कोतवाली ले आई. अनूप अपनी मां गीता देवी और पत्नी मनोरमा के साथ थाने पहुंचा और उसने अपनी सफाई पेश की. अनूप का कहना था कि वह सिर्फ मामा सूर्यकांत और शशिकांत के लिए पैसा इकट्ठा करता था और कमीशन काटकर बाकी पैसा उन्हें दे देता था. उसके मुताबिक, मामा दोनों भाई उसकी रकम भी लेकर भाग गए हैं और अब उसके पास कुछ नहीं बचा है. अनूप की मां गीता देवी ने पुलिस को बताया कि कई दिनों से लोग उनके घर पर भीड़ लगाकर हंगामा कर रहे हैं, जिससे परिवार डर में जी रहा है. उनका कहना है कि फरार भाइयों से उनका कोई संपर्क नहीं है.
‘दोषी कोई भी हो, बख्शा नहीं जाएगा’
एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया कि बदायूं और बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र में इस कंपनी के खिलाफ पहले से रिपोर्ट दर्ज है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. अगर समान नाम वाली दूसरी कंपनी के नाम पर भी ठगी की गई है, तो उसकी भी विस्तृत जांच की जाएगी.
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