राजस्थान की CID इंटेलिजेंस ने अरेस्ट किए ISI जासूस को शुक्रवार दोपहर कोर्ट में पेश किया। कड़ी सुरक्षा के बीच पेश किए जासूस को कोर्ट ने चार दिन के रिमांड पर भेजा है। अब CID इंटेलिजेंस के साथ अन्य सुरक्षा एजेंसियां आरोपी जासूस से संयुक्त पूछताछ करेंगी। जैसलमेर से पकड़ा जासूस पैसों के लालच में इंडियन आर्मी की जासूसी कर रहा था। ऑपरेशन सिंदूर की भी जानकारी उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI को भेजी थी। आईजी (सीआईडी सिक्योरिटी) डॉ. विष्णुकांत ने बताया- राजस्थान की CID इंटेलिजेंस टीमों की ओर से राज्य में जासूसी गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है। इस दौरान हनीफ खान (47) पुत्र मीर खान निवासी बासनपीर जुनी सदर हाल मोहनगढ़, जैसलमेर की गतिविधियां संदिग्ध लगी। जांच में सामने आया कि वह सोशल मीडिया के जरिए लगातार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) के संपर्क में था। पैसों के लालच में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को भारतीय सेना से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं भेज रहा था। इसके बाद CID इंटेलिजेंस ने जासूसी के आरोप में हनीफ खान निवासी जैसलमेर को अरेस्ट किया। इंटेलिजेंस की टीम ने शुक्रवार दोपहर जासूस हनीफ को कोर्ट में पेश किया। हनीफ खान मूलत: भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास बहला गांव का रहने वाला है। इससे उसका सीमावर्ती क्षेत्रों मोहनगढ़, घड़साना सहित अन्य क्षेत्र में आसानी से आना-जाना था। पूछताछ में पता चला कि वह महत्वपूर्ण सैन्य संस्थानों और सेना के मूवमेंट की जानकारी रखता था। यहां तक कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी वह पाकिस्तानी हैंडलर के कॉन्टैक्ट में था। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को सेना के आवागमन की जानकारी साझा कर रहा था। वह सोशल मीडिया के जरिए संवेदनशील सूचनाएं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को उपलब्ध करवाता था। पूछताछ और मोबाइल तकनीकी जांच में यह भी साबित हुआ कि हनीफ पैसों के बदले इंडियन आर्मी की सामरिक जानकारी ISI को दे रहा था। इन गंभीर आरोपों के पुख्ता सबूत मिलने के बाद CID इंटेलिजेंस ने मामला दर्ज कर 25 सितंबर (गुरुवार) को आरोपी जासूस हनीफ खान को गिरफ्तार कर लिया। उल्लेखनीय है कि साल-2025 में जैसलमेर से जासूसी के आरोप में यह चौथी गिरफ्तारी है।
