“इजराइल-हमास जंग की भयंकर कीमत: 66,000 फिलिस्तीनियों की मौत, मासूमों पर टूटा कहर”

 

इजराइल और हमास के बीच करीब तीन साल से जंग जारी है. इजराइली हमलों से गाजा पूरी तरह से तबाह हो गया है. इमारतें मलबे में तब्दील हो गई हैं, लाखों लोग बेघर हो गए हैं. लोग अपनी जान बचाने के लिए शरणार्थी शिविरों में पनाह लिए हुए हैं. इस बीच गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इस जंग में अब तक करीब 66,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई हैं. इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.

 

 

 

मंत्रालय ने रविवार (28 सितंबर) को अपनी रिपोर्ट में बताया कि 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमास के हमले बाद दोनों पक्षों के बीच छिड़ी जंग में मरने वाले फलस्तीनियों की संख्या बढ़कर 66,005 हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल-हमास युद्ध में अब तक 1,68,162 फिलिस्तीनी घायल हुए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि मरने वालों में 79 ऐसे फिलिस्तीनी भी शामिल हैं, जिन्हें पिछले 24 घंटों के दौरान अस्पतालों में भर्ती कराया गया था.

राष्ट्रपति ट्रंप से मिल सकते हैं इजराइली पीएम

गाजा पट्टी में इजराइली सेना के हमले लगातार जारी हैं. जबकि इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू वाशिंगटन में हैं और सोमवार को उनकी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने की योजना है. नेतन्याहू पर युद्ध समाप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी दबाव है. राष्ट्रपति ट्रंप भी कई बार जंग खत्म करने की गुहार लगा चुके हैं. हालांकि नेतन्याहू युद्ध जारी रखने पर अड़े हुए हैं. वो कई बार ये साफ कह चुके हैं कि जब तक हमास का पूरी तरह से सफाया नहीं हो जाता तब तक ये जंग जारी रहेगी.

इजराइल के खिलाफ प्रतिबंधों पर विचार

इस बीच इजराइली आपत्तियों के बावजूद प्रमुख पश्चिमी सहयोगी देश फिलिस्तीन राष्ट्र को मान्यता देने वाले देशों की बढ़ती सूची में शामिल हो गए हैं. यूरोपीय संघ इजराइल के खिलाफ प्रतिबंधों पर विचार कर रहा है और इजराइल के विरुद्ध खेल एवं सांस्कृतिक बहिष्कार के लिए भी प्रयास बढ़ रहे हैं.

ट्रंप ने युद्ध विराम के लिए 21 सूत्री प्रस्ताव पेश किया

इधर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तत्काल युद्ध विराम के लिए 21 सूत्री प्रस्ताव पेश किया है. अधिकारियों के मुताबिक प्रस्ताव में 48 घंटों के भीतर सभी बंधकों की रिहाई और फिलिस्तीनी क्षेत्र से इजराइली सेना की वापसी शामिल होगी. अधिकारियों का कहना है कि प्रस्ताव अंतिम नहीं है और इसमें बदलाव की भी पूरी संभावना है. ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान न्यूयॉर्क में अरब नेताओं के साथ इस प्रस्ताव पर चर्चा की थी.

वहीं हमास के एक अधिकारी ने कहा कि समूह को योजना के बारे में जानकारी दे दी गई है, अभी तक मिस्र और कतर के मध्यस्थों से कोई आधिकारिक प्रस्ताव नहीं मिला है. हमास ने कहा है कि वह किसी भी प्रस्ताव का सकारात्मक और जिम्मेदारी से अध्ययन करने के लिए तैयार है.

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