पाकिस्तान के क्वेटा में जाफर एक्सप्रेस को एक बार फिर बनाया गया निशाना। ट्रेन को टारगेट करते हुए बम धमाका किया गया है। धमाके की वजह से ट्रेन पटरी से उतर गई जिसमें 7 लोग घायल हुए हैं। बम धमाके की जिम्मेदारी बलूच विद्रोही समूह बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स ने जिम्मेदारी ली है। जिस वक्त ट्रेन को निशाना बनाया गया उस वक्त वह पेशावर की ओर जा रही थी। जाफर एक्सप्रेस को इससे पहले भी निशाना बनाया गया था और इस ट्रेन को हाईजैक कर लिया गया था।
‘बलूचिस्तान की आजादी तक ऐसे ऑपरेशन जारी रहेंगे’
बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स के प्रवक्ता ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा , “हम शिकारपुर-बीआरजी में जाफर एक्सप्रेस पर हुए विस्फोट की जिम्मेदारी लेते हैं। आज, बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स (BRG) के स्वतंत्रता सेनानियों ने शिकारपुर और जैकोबाबाद के बीच स्थित सुल्तान कोट में रिमोट-कंट्रोल IED विस्फोट के साथ जाफर एक्सप्रेस को निशाना बनाया। ट्रेन पर उस समय हमला किया गया जब कब्जा करने वाली पाकिस्तानी सेना के जवान उसमें यात्रा कर रहे थे। विस्फोट के कारण कई सैनिक मारे गए और घायल हो गए, और ट्रेन के छह डिब्बे पटरी से उतर गए। BRG इस हमले की जिम्मेदारी लेता है और घोषणा करता है कि बलूचिस्तान की आजादी तक ऐसे ऑपरेशन जारी रहेंगे।”
सुरक्षाबलों ने की इलाके की घेराबंदी
जानकारीके मुताबिक, बम धमाके के बाद सुरक्षाबलों और पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी है। पटरियों की जांच के लिए बम निरोधक दस्ते को तैनात किया गया है। क्वेटा और पेशावर के बीच चलने वाली जाफर एक्सप्रेस को हाल के महीनों में बार-बार निशाना बनाया गया है। इससे पहले 7 अगस्त को बलूचिस्तान के सिबी रेलवे स्टेशन के पास रेलगाड़ी बाल-बाल बच गई थी, जहां पटरी के पास रखा गया बम रेलगाड़ी के गुजरने के तुरंत बाद फट गया था। एक अन्य घटना में 4 अगस्त को कोलपुर के पास बंदूकधारियों ने इंजन को टारगेट करते हुए फायरिंग की थी। बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।
जब जाफर एक्सप्रेस किया गया हाईजैक
जाफर एक्सप्रेस पाकिस्तान के पेशावर से क्वेटा के बीच चलती है। इसी साल मार्च के महीने पहले इसे बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने बंधक बना लिया था। यह घटना पाकिस्तान के रेल इतिहास में गंभीर सुरक्षा चूक और आंतरिक संघर्षों का प्रतीक मानी जाती है। घटना के दौरान BLA के हथियारबंद लड़ाकों ने 400 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया था। बीएलए से जुड़े विद्रोहियों ने बोलान क्षेत्र में पीरू कुनरी और गुदलार के पहाड़ी इलाकों के पास पटरियों में धमाका कर ट्रेन को रोका था।