झारखंड के साहेबगंज जिले में दो मालगाड़ियों के बीच आमने-सामने की टक्कर की खौफनाक यादें आज भी सभी के दिलों में ताजा हैं। इस हादसे में मारे गए एनटीपीसी के लोको पायलट गंगेश्वर मल 1 अप्रैल को रिटायर होने वाले थे। इससे पहले वे अपनी आखिरी यात्रा पर थे। उनका परिवार एक रिटायरमेंट डिनर की योजना बना रहा था। उनका इंतजार कर रहा था। अब शोक में डूबा हुआ है।
गंगेश्वर के परिवार के सदस्य पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में रहते हैं। उनके घर का नाम जियागंज निवास है। उन्होंने अपना दुख साझा करते हुए कहा कि उन्होंने डिनर में शामिल होने का वादा किया था। उनकी बेटी ने कहा कि 1 अप्रैल उनका आखिरी कार्य दिवस था, जिसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी, बेटे और बेटी के साथ क्वालिटी टाइम बिताने की योजना बनाई थी।
उन्होंने कहा, ‘हमने सुना है कि बाबा लौटते समय सिग्नल प्वाइंट पर इंतजार कर रहे थे, तभी विपरीत दिशा से आ रही एक अन्य मालगाड़ी के इंजन ने उनके लोको को सीधे टक्कर मार दी।’ जब गंगेश्वर का शव झारखंड से उनके परिवार के सदस्य वापस ले जा रहे थे, तो उनकी बेटी ने दुख जताते हुए कहा था कि हमारी दुनिया उजड़ गई। इससे पहले झारखंड के साहेबगंज जिले में 1 अप्रैल यानी मंगलवार तड़के दो मालगाड़ियों के बीच हुई टक्कर में दो लोगों की मौत हो गई थी।
पुलिस के मुताबिक, बिजली कंपनी एनटीपीसी की ओर से संचालित दो ट्रेनों के बीच टक्कर बरहेट थाना क्षेत्र के भोगनाडीह के पास सुबह करीब तीन बजे हुई थी। जिस ट्रैक पर यह दुर्घटना हुई, वह भी एनटीपीसी के स्वामित्व में है और इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से इसके बिजली संयंत्रों में कोयला परिवहन के लिए किया जाता है। साहेबगंज के उप-मंडल पुलिस अधिकारी किशोर तिर्की ने पीटीआई को बताया था, ‘आमने-सामने की टक्कर में दोनों मालगाड़ियों के चालक मारे गए।’
पूर्वी रेलवे के प्रवक्ता कौशिक मित्रा ने कहा था, ‘मालगाड़ी और ट्रैक दोनों एनटीपीसी के हैं। इसका भारतीय रेलवे से कोई लेना-देना नहीं है।’ जिस लाइन पर यह दुर्घटना हुई, वह बिहार के भागलपुर जिले में एनटीपीसी के कहलगांव सुपर थर्मल पावर स्टेशन को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में फरक्का पावर प्लांट से जोड़ती है।