मायावती ने आकाश आनंद के बाद अब आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ को भी बीएसपी में वापस ले लिया है। इससे पहले अशोक सिद्धार्थ ने आज ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक पोस्ट करके मायावती ने माफी मांगी थी। अशोक सिद्धार्थ ने मायावती से खुद को पार्टी में वापस लेने का आग्रह भी किया था। वहीं अब अशोक सिद्धार्थ के इस पोस्ट के बाद मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर उन्हें माफ करने और पार्टी में वापस लेने का ऐलान किया है। बता दें कि मायावती ने कुछ दिन पहले आकाश आनंद और अशोक सिद्धार्थ दोनों को पार्टी से बाहर कर दिया था। हालांकि अब पहले आकाश और फिर आकाश के बाद अशोक सिद्धार्थ को भी उन्होंने पार्टी में वापस ले लिया है।
सार्वजनिक तौर पर अपनी गलती की माफी मांगी: मायावती ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) के कई जिम्मेदार पदों पर लम्बे वर्षों तक कार्यरत रहे एवं पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ, जिन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिये कुछ माह पहले पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था, उन्होंने सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर आज अपने लम्बे पोस्ट के जरिये सार्वजनिक तौर पर अपनी गलती की माफी मांगी है तथा आगे पार्टी और बी.एस.पी मूवमेन्ट के प्रति पूरी तरह से वफादर रहकर बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान एवं स्वाभिमान के मूवमेन्ट को आगे बढ़ाने में पूरे जी-जान से लग जाने का आश्वासन बहुजन समाज व बी.एस.पी. नेतृत्व को दिया है।”
विभिन्न स्तर पर पश्चाताप कर रहे: बसपा प्रमुख ने आगे लिखा, “हालांकि उन्हें अपनी गलती का एहसास बहुत पहले हो चुका था और वे इसका लगातार पश्चाताप विभिन्न स्तर पर कर रहे थे, किन्तु आज उन्होंने सार्वजनिक तौर पर अपना पछतावा जाहिर किया है, जिसको ध्यान में रखते हुए पार्टी व मूवमेन्ट के हित में उन्हें पार्टी द्वारा एक मौका दिया जाना उचित समझा गया है और इसीलिये बी.एस.पी. से उनके निष्कासन का फैसला आज तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है अर्थात् इनको पार्टी में वापस ले लिया गया है।”
आखिर में मायावती ने अपनी पोस्ट में लिखा, “उम्मीद है कि पार्टी के अन्य सभी छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं की तरह वे भी पूरे तन, मन, धन से पार्टी व मूवमेन्ट को आगे बढ़ाने में अपना भरपूर योगदान जरूर देंगे, ताकि बी.एस.पी. के नेतृत्व में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का कारवां आगे बढ़ता हुआ बहुजन समाज को शोषित वर्ग से ऊपर उठाकर यहां प्रदेश एवं देश का शासक वर्ग बना सके।”