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नैनो यूरिया व नैनो डीएपी के प्रयोग की बताई विधि

– कृषि विभाग के पदाधिकारियों का हुआ प्रशिक्षण
– प्रशिक्षण में भाग लेते कृषि विभाग के अधिकारी।
फतेहपुर। नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी तरल आधारित कृषि विभाग के पदाधिकारियों के प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में मुख्य अतिथि उप कृषि निदेशक सत्येंद्र सिंह, विशिष्ट अतिथि जिला कृषि अधिकारी नरोत्तम कुमार रहे। डीजीएम मार्केटिंग इफको लखनऊ एसके वर्मा, एसएमएस सदर एवं खागा, एडीओ कृषि, कृषि प्राविधिक सहायक, एटीएम, बीटीएम एवं अन्य कृषि संबंधित कर्मचारी मौजूद रहे। संचालन क्षेत्र अधिकारी इफको साजिद अंसारी ने किया। एसके वर्मा ने नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी के प्रयोग विधि, लाभ एवं यूरिया एवं नैनो डीएपी के प्रयोग विधि की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि नैनो डीएपी का धान की रूपाई के समय पांच मिली. प्रति लीटर पानी में घोल बना कर जड़ शोघन कर तीस मिनट बाद बुआई करें। पचास दिन के पश्चात 500 मिली. नैनो यूरिया, 250 मिली. नैनो डीएपी एवं 250 मिली. सागरिका को मिला कर स्प्रे कराएं। उन्होंने बताया कि धान की फसल के लिए नैनो यूरिया प्लस, नैनो डीएपी के स्प्रेइंग का सर्वाेत्तम समय चल रहा है। प्रत्येक पंद्रह लीटर की टंकी में ढाई ढक्कन नैनो डीएपी प्लस ढाई ढक्कन नैनो यूरिया प्लस प्लस ढाई ढक्कन सागरिका को छिड़काव करायें जिससे अत्यधिक लाभ होगा। साथ ही जल विलेय उर्वरक के प्रयोग विधि एवं लाभ भी बताएं। साजिद अंसारी ने कृषि पदाधिकारियों को नैनो उर्वरक की तकनीकी जानकारी दी। साथ ही यह भी बताया कि नैनो उर्वरक दानेदार उर्वरक से किस प्रकार उत्तम है। उपकृषि निदेशक सत्येन्द्र सिंह ने सभी से अनुरोध किया कि कम रसायन प्रयोग कर खेती करें। अधिक से अधिक नैनो उर्वरकों का प्रयोग समझकर प्रयोग कराएं। जिला कृषि अधिकारी नरोत्तम कुमार ने बताया कि ऊर्वरकों को किसान संतुलित मात्रा में ही प्रयोग करें। आवश्यकता से अधिक खाद का भंडारण न करें। कार्यक्रम में विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी सहित अरविंद कुमार एवं इफको एमसी कपिल गंगवार भी उपस्थित रहे।

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