– रशिया से एमबीबीएस बनकर लौंटी सोना शेख का गांव में हुआ स्वागत
– कस्बा आने पर डा. सोना शेख का इस्तकबाल करते लोग।
फतेहपुर। जिले के गाजीपुर कस्बे की रहने वाली सोना शेख रशिया से एमबीबीएस की पढ़ाई करके वापस लौंटी तो परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गांव वालों ने भी जश्न मनाया और ढोल-ताशों की धुन के बीच डा. सोना शेख का इस्तकबाल किया। डा. सोना का कहना रहा कि माता-पिता की मेहनत व दुआओं के चलते ही वह एमबीबीएस करने में सफल हो पाई हैं। गरीबों का निःशुल्क व समुचित इलाज करना ही मेरा मकसद रहेगा। गाजीपुर कस्बे के रहने वाले रियाज अहमद व रेहाना की बेटी सोना शेख हमेशा से ही पढ़ाई में अव्वल रही। वह अपने माता-पिता की बड़ी पुत्री हैं। हमेशा से अपनी कक्षा में अव्वल आती थी। सोना ने हाईस्कूल में 92 प्रतिशत व इंटर में 96.8 प्रतिशत अंक लाकर स्कूल टाप किया था और अब गाजीपुर कस्बे की मुस्लिम वर्ग की पहली एमबीबीएस बेटी हैं। पिता रेयाज अहमद की केवल तीन बेटियां ही हैं। पिता का कहना है कि मेरी बेटियां ही मेरे बेटे हैं। पिता का कहना था कि कम खाऊंगा लेकिन अपनी बेटियों को अच्छी शिक्षा देकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करूंगा। पिता रेयाज की छोटी बक्से की दुकान है। जब भी उनकी सोंच हमेशा से अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा प्रदान करने की थी। सोना ने रशिया से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की और जब गांव लौटी तो माता-पिता के साथ ही गांव वालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। ढोल-ताशे की धुन के बीच फूल-माला से डा. सोना शेख को लादकर स्वागत किया। स्वागत के पश्चात बातचीत के दौरान डा. सोना शेख ने बताया कि वह गरीबों का निःशुल्क व समुचित इलाज करेंगी, क्योंकि गरीब तबका ही स्वास्थ्य सुविधाओं से महरूम रह जाता है। उन्होने कहा कि माता-पिता व मामा राजू, फारूख व मौसी रिजवाना की दुआओं की बदौलत ही आज वह एमबीबीएस करने में सफल हो पाई हैं।
