न्यूयॉर्क: अमेरिका के सबसे बड़े शहर न्यूयॉर्क सिटी में आज मेयर पद के लिए चुनाव हो रहा है। यह मुकाबला सिर्फ शहर की राजनीति नहीं, बल्कि पूरे अमेरिका के राजनीतिक समीकरणों पर असर डाल सकता है। इस चुनाव में भारतीय फिल्ममेकर मीरा नायर के बेटे और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जोहरान ममदानी सबसे आगे चल रहे हैं। कई सर्वे के मुताबिक, ममदानी की जीत लगभग तय मानी जा रही है। लेकिन मतदान से ठीक पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा राजनीतिक दांव चल दिया है। उन्होंने ममदानी की जीत पर फेडरल फंड रोकने की धमकी दी है।
ट्रंप बोले- ममदानी जीते तो खत्म हो जाएगा न्यूयॉर्क
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा कि, अगर ममदानी न्यूयॉर्क के मेयर बनते हैं, तो मैं इस शहर को सिर्फ जरूरी न्यूनतम फंड ही भेजूंगा। ट्रंप ने ममदानी को कम्युनिस्ट बताते हुए कहा कि, उनकी नीतियां शहर की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देंगी। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि, अगर कम्युनिस्ट ममदानी जीतते हैं तो न्यूयॉर्क के पास सफलता या बचने का कोई मौका नहीं है। ट्रंप ने पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो को समर्थन देते हुए कहा कि, अगर विकल्प ममदानी और कुओमो के बीच है, तो लोगों को कुओमो को वोट देना चाहिए, भले वे उन्हें पसंद न करते हों।
तीन उम्मीदवारों के बीच मुकाबला
न्यूयॉर्क मेयर पद के लिए इस बार तीन प्रमुख उम्मीदवार मैदान में हैं-
- जोहरान ममदानी (डेमोक्रेटिक पार्टी)
- एंड्रयू कुओमो (निर्दलीय, पूर्व गवर्नर)
- कर्टिस सिल्वा (रिपब्लिकन पार्टी)
एटलस इंटेल सर्वे के मुताबिक, ममदानी 40.6% वोट शेयर के साथ सबसे आगे हैं। कुओमो 24.1% और सिल्वा 34% पर हैं। हालांकि, यहां रैंक चॉइस वोटिंग सिस्टम लागू है यानी अगर किसी को पहले राउंड में 50% वोट नहीं मिलते, तो सबसे कम वोट पाने वाला उम्मीदवार बाहर हो जाता है और उसके वोट दूसरे उम्मीदवारों में बांटे जाते हैं।
पहले मुस्लिम मेयर होंगे ममदानी
अगर जोहरान ममदानी चुनाव जीतते हैं, तो वे पिछले 100 सालों में न्यूयॉर्क के सबसे युवा मेयर, पहले भारतीय मूल के मेयर और पहले मुस्लिम मेयर बनेंगे। यह चुनाव मंगलवार को (भारतीय समयानुसार दोपहर 3:30 बजे) शुरू होगा। नतीजे 1–2 दिन में आने लगेंगे, जबकि अंतिम परिणाम अगले हफ्ते तक आने की उम्मीद है।
ममदानी के चर्चित बयान और विवाद
जोहरान ममदानी अपने खुले और बेबाक विचारों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने पिछले कुछ महीनों में कई बयान दिए, जिनसे वे अमेरिकी मीडिया में छाए रहे। पढ़ें उनके बयान
27 मई 2025 : हमें मोदी को उसी तरह देखना चाहिए जैसे हम नेतन्याहू को देखते हैं।
16 अक्टूबर 2025 : दुनिया में अरबपति जैसी कोई चीज नहीं होनी चाहिए।
10 अक्टूबर 2025 : अमेरिका को इजराइल को सैन्य सहायता रोक देनी चाहिए।
इन बयानों की वजह से वे कंजरवेटिव लॉबी और यहूदी समूहों के निशाने पर आए, जबकि युवा और प्रवासी वर्ग ने उनका समर्थन किया।
संगीत से राजनीति तक का सफर
राजनीति में आने से पहले ममदानी एक हिप-हॉप रैपर थे। उनका युगांडा में वायरल हुआ गाना ‘कांडा’ उन्हें पहचान दिलाने वाला साबित हुआ। क्वींस में बसने के बाद उन्होंने ब्लैक लाइव्स मैटर, प्रवासी अधिकार और किरायेदार आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाई। 2017 में उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी से राजनीतिक सफर शुरू किया और 2020 में न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली के लिए चुने गए।
ममदानी के चार बड़े चुनावी वादे
किराया फ्रीज – महंगाई से किरायेदारों को राहत मिले।
फ्री बस सर्विस – कामकाजी तबके और छात्रों के लिए।
सरकारी किराना दुकानें – किफायती दामों पर जरूरी सामान उपलब्ध कराने के लिए।
फ्री डे-केयर सेंटर – कामकाजी परिवारों को सहयोग मिल सके।
उनका कहना है कि, इन योजनाओं के लिए फंड अमीर तबके और बड़ी कंपनियों पर टैक्स बढ़ाकर जुटाया जाएगा। हालांकि, इसी वजह से वॉल स्ट्रीट और कारोबारी वर्ग में नाराजगी है।
व्यवसायियों और रिपब्लिकन वर्ग की नाराजगी
ममदानी के सोशलिस्ट एजेंडा से शहर के कई बड़े उद्योगपति नाराज हैं। जब उन्होंने जून में डेमोक्रेटिक प्राइमरी जीती थी, तब कई कारोबारियों ने चेतावनी दी थी कि अगर वे मेयर बने तो न्यूयॉर्क अब बर्बाद होने से बस एक कदम दूर होगा। ट्रंप ने इसी मुद्दे को उठाते हुए कहा कि, ममदानी की जीत न्यूयॉर्क की तबाही होगी।
इस चुनाव पर दुनियाभर की निगाहें
न्यूयॉर्क सिटी की GDP करीब 2.3 ट्रिलियन डॉलर है यानी अकेला न्यूयॉर्क, भारत की GDP का आधा। यहां का मेयर सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि अमेरिका की आर्थिक राजधानी का मुखिया होता है। इसलिए ममदानी की जीत का असर सिर्फ अमेरिका पर नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति और भारत-अमेरिका संबंधों पर भी देखा जाएगा।
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