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रांची में NIA कोर्ट के जज को धमकी भरा खत: जांच में हाई अलर्ट

रांची: झारखंड की राजधानी रांची से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत के एक जज को जान से मारने की धमकी दी गई है। अज्ञात व्यक्तियों ने स्पीड पोस्ट के माध्यम से दो बंद लिफाफों में धमकी भरे पत्र भेजकर न केवल जज को डराया है, बल्कि जेल में बंद एक करोड़ रुपये के इनामी नक्सली संगठन के शीर्ष नेता प्रशांत बोस और शीला मरांडी को भी जेल से छुड़ाने की धमकी दी है। इस धमकी भरे पत्र के मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया है और पुलिस तत्काल इस गंभीर मामले की जांच में जुट गई है।

जानकारी के अनुसार, रांची के सिविल कोर्ट परिसर में स्थित एनआईए कोर्ट के जज को भेजे गए धमकी भरे पत्र में न केवल उनकी हत्या की धमकी दी गई है, बल्कि जेल में बंद प्रतिबंधित नक्सली संगठन के बड़े नेता प्रशांत बोस, जिस पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित है, और उसकी सहयोगी शीला मरांडी को भी जेल तोड़कर बाहर निकालने की धमकी दी गई है। स्पीड पोस्ट के जरिए भेजे गए इन गुमनाम पत्रों के सामने आने के बाद प्रशासन की नींद उड़ गई है। रांची के कोतवाली थाने में इस संबंध में चार संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।

धमकी भरे पत्र में चौंकाने वाली बातें लिखी गई हैं। पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि एनआईए के न्यायाधीश पर हमला करने के लिए पैसे भी दिए जा चुके हैं। पत्र में लिखा है, “शूटर को तेरे नाम की सुपारी दी है।” इसके साथ ही, पत्र में यह भी कहा गया है कि जेल में बंद एक करोड़ के इनामी नक्सली संगठन के शीर्ष नेता प्रशांत बोस और शीला मरांडी को जेल से बाहर निकालना उनका मकसद है और इसके लिए जेल ब्रेक की योजना बनाई जा रही है।

पत्र में एक मोबाइल नंबर भी दिया गया है, जिसके साथ अरुण कुमार नामक व्यक्ति का जिक्र किया गया है। हालांकि, जब पुलिस ने उस नंबर की जांच की तो पता चला कि वह नंबर झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगी परीक्षा (JCECE) के एक अधिकारी के नाम पर पंजीकृत है। वहीं, दूसरे पत्र में रांची के खेलगांव स्थित अनामिका इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड और खूंटी जिले के कर्रा थाना क्षेत्र के रहने वाले साकेत तिर्की का नाम लिखा गया है। इन नामों और पते की सत्यता की भी पुलिस जांच कर रही है।

इस पूरे मामले में आशंका यह भी जताई जा रही है कि एनआईए कोर्ट के जज को उनके न्यायिक कार्यों के दौरान डराने और भयभीत करने के उद्देश्य से जानबूझकर गलत नामों का इस्तेमाल करके इस तरह के धमकी भरे पत्र भेजे गए हैं। पुलिस अब इन पत्रों को भेजने वाले अज्ञात व्यक्तियों की पहचान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। विभिन्न पहलुओं से मामले की गहन जांच की जा रही है ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को पकड़ा जा सके। इस घटना ने न्यायपालिका की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं।

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