फतेहपुर। निजीकरण के विरोध में लगातार 190वें दिन बिजली कर्मियों का प्रान्तव्यापी विरोध प्रदर्शन जारी रहा। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि पॉवर कारपोरेशन प्रबंधन और चेयरमैन निजी घरानों के साथ मिलीभगत कर 42 जनपदों का बिजली का निजीकरण करने में लगे हैं। समिति ने चेतावनी दी है कि यदि निजीकरण के नाम पर अभियन्ताओं को अनावश्यक रूप से दंडित किया गया तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी। समिति ने आरोप लगाया है कि पॉवर कारपोरेशन शीर्ष प्रबंधन और चेयरमैन की निजी घरानों के साथ मिलीभगत है। इसी दृष्टि से झूठा शपथ पत्र देने वाले ग्रांट थॉर्टन को निदेशक वित्त निधि नारंग से क्लीन चिट दिलाई गई है। समिति ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन प्रबंधन ने बढ़ाकर घाटा दिखाने हेतु नियामक आयोग को सौंपे गए एआरआर को पुनरीक्षित किया है। समिति ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वर्ष 2017 में 41 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2024 में एटीएंडसी हानियां 16.5 प्रतिशत रह गई हैं। किन्तु 2025-26 के लिए पॉवर कारपोरेशन द्वारा दिए गए एआरआर में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की 2024-25 में 18.49 प्रतिशत हानियों के सापेक्ष बढ़ाकर 36.08 प्रतिशत और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में 2024-25 में 18.97 प्रतिशत के सापेक्ष बढ़ाकर वर्ष 2025-26 में 28.48 प्रतिशत हानियां दिखाई गई हैं। समिति ने चेतावनी दी है कि यदि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक द्वारा प्रशासनिक आधार पर अभियन्ताओं का स्थानांतरण किए जाने के सम्बन्ध में दिए गए आदेश को निरस्त नहीं किया गया तो इसके विरोध में प्रान्तव्यापी आंदोलन होगा जिसकी सारी जिम्मेदारी पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन की होगी।