– विकास के नाम पर अरबों का बजट, जल निकासी में पालिका नाकाम
-तांबेश्वर मंदिर के मुख्य मार्ग पर जलभराव का दृश्य।
फतेहपुर। शहर के विकास के नाम पर नगर पालिका परिषद विधायक सांसद निधि एवं अन्य मद उसके बाद भी शहर को जल निकास की समस्या से निजात नहीं मिल सकी। नतीजा रविवार को हुई बरसात में शहर में जगह-जगह जलभराव की स्थिति बनी रही। नालों में न जाकर बरसात का पानी सड़कों पर बहता रहा जिससे लोगों को अवागमन में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा। सुबह से ही रुक-रुक कर कई मर्तबा हुई बारिश ने लोगों का जनजीवन बुरी तरह अस्त व्यस्त कर दिया। बरसात के पानी से भीगने से बचने को लोगों को जहां तहां पनाह लेनी पड़ी। गनीमत रही कि रविवार का दिन होने की वजह से बच्चों व सरकारी गैर सरकारी कार्यालयों की छुट्टी रही। जिससे रोज की तरह सड़कों पर बच्चों व लोगों की भीड़ नहीं थी। कई राउंड हुई बारिश से पीरनपुर, अरबपुर, वर्मा चौराहा, आर्य समाज के निकट, लक्ष्मी टाकीज राम स्नेही अस्पताल के निकट, रानी कालोनी, तांबेश्वर मंदिर रोड, वीआईपी रोड खलील नगर, बिंदकी बस स्टॉप आदि मोहल्लों में पानी के निकासी की सही व्यवस्था न होने के चलते जलभराव की स्थिति बन गयी। जिससे इन मोहल्लों मे रहने वाले लोगों को अपने अपने घरों में कैद में रहने को मजबूर होना पड़ा। ज़रूरत पर निकलने वालों को जलभराव के पानी में होकर जाना पड़ा। जलभराव से जूझ रहे मोहल्लों के लोगो का कहना रहा कि नगर के विकास के लिये नगर पालिका, सांसद विधायक निधि के अलावा अन्य विकासपरक योजनाओं के लिए अरबों का बजट लगाया जाता है कई वर्षों से जल निकासी के लिए नालों का निर्माण कराया जा रहा है लेकिन शहर की जल निकासी की समस्या बनी हुई है। शहर की बदहाल जल निकासी को लेकर नगर पालिका परिषद द्वारा हर वर्ष बड़े बड़े दावे और भारी भरकम बजट खर्च किया जाता है लेकिन जल निकासी व जल जमाव की समस्या जस की तस बनी हुई है।
तांबेश्वर मंदिर मार्ग पर भरा पानी, भक्तों की राह में रोड़ा
अभी हाल ही में सदर विधायक चन्द्र प्रकाश लोधी द्वारा तांबेश्वर मन्दिर के स्वागत द्वार सड़क के दोनों ओर सीमेंटेड टाइल श्रद्धालुओं के बैठने के लिए सीमेंट वाली कुर्सियां आदि कार्याें का उद्घाटन किया गया था। प्रतिदिन मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिली थी लेकिन बरसात में शहर की बेपटरी जल निकासी की व्यवस्था के चलते वीआईपी रोड से मंदिर जाने मार्ग में भीषण जलजमाव की स्थिति है जिससे दर्शन को आने वाले भक्तों को पानी से होकर दर्शन को मंदिर तक जाना पड़ रहा है।
किसानों को भी नुकसान
लगातार बारिश से धान की फसलों को तो लाभ मिलेगा लेकिन तिल, बाजरा समेत सब्ज़ियों की खेती को नुकसान होगा। लगातार की बारिश से कच्चे घरों व फूस की झोपड़े में रहने वाले गरीबो के चेहरे पर भी चिंता की लकीरें है।