– आने वाले बच्चों व बच्चियों की नियमित कराएं काउंसलिंग
– डीएम ने बाल कल्याण समिति कार्यालय का किया निरीक्षण
– राजकीय विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण इकाई का निरीक्षण करते डीएम।
फतेहपुर। जिलाधिकारी रविन्द्र सिंह ने बाल कल्याण समिति कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने बाल कल्याण समिति के तैयार किए जाने वाले रजिस्टरों को देखा और डीपीओ प्रोवेशन को निर्देशित किया कि प्रवेश निरीक्षण, कार्यवाही रजिस्टर, एसआईआर रजिस्टर में बच्चों के आने की तिथि और अन्य सूचनाओं का अंकन क्रमबद्धता के आधार पर कराएं और प्रतिदिन का विवरण नियमित अंकित करें। उन्होंने डीपीओ को निर्देशित करते हुए कहा कि जिनके द्वारा बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष लाया जाता है उनका भी बैकग्राउंड पता करें और आने वाले बच्चों की नियमित काउंसलिंग कराएं। बाल कल्याण समिति द्वारा वाहन न होने की जानकारी देने पर वन स्टॉप सेंटर के वाहन का प्रयोग बाल कल्याण समिति के बच्चों को चाइल्ड लाइन भेजने के लिए करने को कहा। बाल सेवा योजना व अन्य स्पॉन्सरशिप योजनाओं का लाभ देते समय यह सुनिश्चित करें की पात्र व्यक्तियों को ही योजना का लाभ मिले। एसआईआर आदेश और एसआईआर रिपोर्ट का नियमित फॉलोअप न होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए डीपीओ प्रोवेशन को दो दिन के अंदर रिपोर्ट भेजने को कहा। बालश्रम, पास्को व अन्य माध्यमों से आने वाले बच्चों के फॉलोअप की नियमित साप्ताहिक समीक्षा करें व सभी रजिस्टरों में ठीक ढंग से अंकन करें एवं यह भी देख लें कि किस बच्चे की काउंसलिंग करनी है, किस बच्चे का एसआईआर करना है, किस बच्चे का फॉलोअप करना है का चिन्हांकन करके रिपोर्ट बनाएं और संबंधित रिपोर्ट से अवगत भी कराएं। इसके पश्चात राजकीय विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण इकाई का भी निरीक्षण किया। वहां रह रहे बच्चों को देखा एक बच्चे का वजन कम पाए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए तत्काल वेविंग मशीन मंगाने के निर्देश डीपीओ को दिए। कहा कि सीएमओ से बात करके तत्काल एक पीडियाट्रिसियन बुलाएं और एक घंटे के अंदर हाईट वेट नापकर सूचित करें। उन्होंने डीपीओ प्रोवेशन से कहा कि अगली बाल संरक्षण समिति की बैठक में कार्यालय में कार्यरत सभी कर्मचारियों कार्य निर्धारण कर संबंधित सूचना के साथ उपस्थित हों, एक महीने बाद दोबारा निरीक्षण किया जायेगा। सभी सूचनाएं व रजिस्टर ठीक करा लें। यहां रह रहे बच्चों का स्वास्थ्य मानक के अनुसार रहे आने वाले बच्चों/बच्चियों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण व काउंसलिंग कराएं अन्यथा संबंधित की जवाबदेही तय होगी।
