मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का आज यानी 5 मार्च को जन्मदिन है। वे 66 साल के हो गए हैं। पूरा परिवार राजस्थान के जोधपुर के उम्मेद भवन में बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान की शादी की खुशियां मना रहा है। रात 12 बजे बेटे ने केक के साथ पिता शिवराज का जन्मदिन भी मनाया। शिवराज ने अपने जन्मदिन के अवसर में परिवार के साथ पौधरोपण किया। पत्नी साधना सिंह ने भी सोशल मीडिया पर भावुक संदेश लिखकर बधाई है।
बता दें कि शिवराज सिंह चौहान का जन्म मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के जैतपुर गांव में 5 मार्च 1959 को हुआ था। 13 साल की उम्र में संगठन से जुड़े शिवराज सिंह आज के दौर में सत्ता और संगठन दोनों की पहली पसंद बन चुके हैं। जन्मदिन की बधाई देते हुए पत्नी साधना सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि “सोचती हूं, आपको क्या शुभकामनाएं दूं, क्योंकि आपने तो मेरी झोली हमेशा खुशियों से भरी हैं। आप हमारे परिवार की सबसे बड़ी ताकत हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि आप स्वस्थ, प्रसन्न और दीर्घायु रहें, और हमारा परिवार यूं ही हंसता-खेलता रहे। जन्मदिन की अनंत शुभकामनाएं कार्तिकेय- कुणाल के पापा।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी शिवराज सिंह चौहान को जन्मदिन की बधाई दी है। उन्होंने एक्स पर लिखा है कि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री, आदरणीय भाईसाहब श्री शिवराज सिंह चौहान जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। बाबा महाकाल आपको स्वस्थ, सुदीर्घ और मंगलमय जीवन प्रदान करें; ऐसी प्रार्थना है।
बता दें कि शिवराज सिंह चौहान के दो बेटे हैं। छोटे बेटे कुणाल की शादी 14 फरवरी को हुई है। उनका विवाह रिद्धि जैन से हुआ है। वहीं बड़े बेटे कार्तिकेय की शादी की रस्में जोधपुर में चल रही हैं। 6 मार्च को शादी है। परिवार जोधपुर में शादी की खुशियां मना रहा है, इसी बीच शिवराज सिंह चौहान का जन्मदिन भी मनाया गया। महज 13 साल की उम्र में वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए। शिवराज सिंह चौहान ने 1990 में अपने राजनैतिक करियर की शुरुआत बुधनी से की।
यहां से वे पहली बार विधायक बने, लेकिन कुछ ही महीनों बाद उन्होंने विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया। पार्टी ने उन्हें विदिशा लोकसभा सीट से टिकट दिया और वे यहां से 10वीं लोकसभा के सांसद बने। 1992 में उन्हें संगठन ने बीजेपी का महासचिव बनाया। वहीं इसी साल उन्होंने साधना सिंह से शादी की। वे 1992 से 1994 तक बीजेपी के महासचिव रहे।
भारतीय जनता पार्टी ने 1996 में 11वीं लोकसभा के लिए फिर उन पर भरोसा जताया और उन्हें विदिशा से टिकट दिया।
वे दूसरी बार विदिशा से जीते, तीसरी बार 1998 में शिवराज सिंह चौहान ने फिर 12वीं लोकसभा का चुनाव जीता, वहीं इसके बाद चौथी बार भी वे लोकसभा सदस्य चुने गए। संसद में लंबा सफर तय करने के बाद शिवराज 2002 में संगठन की तरफ वापस लौटे और बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव बनाए गए। 2003 में वे महासचिव बने और 2004 में 14वीं लोकसभा के सदस्य चुने गए। बीते लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने शिवराज को मैदान में उतारा और जीतने पर कृषि मंत्री जैसी जिम्मेदारी भी दी।