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शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण तकनीकी की जरूरत: प्रमोद त्रिपाठी

– महर्षि में शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ समापन

फतेहपुर। महर्षि विद्या मन्दिर में चल रहे नौ दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन दिवस पर विभिन्न जनपदों से आये हुये शिक्षकों ने अपने-अपने अनुभव देकर शिक्षण अधिगम प्रणाली को रुचिपूर्ण, प्रभावी व बच्चों के दैनिक जीवन से जोड़कर पढ़ाने के गुर बताये। कार्यक्रम निदेशक प्रमोद कुमार त्रिपाठी ने कहा कि रटने वाली और परम्परागत शिक्षण विधि से ऊपर उठकर शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण तकनीकी व बाल केन्द्रित शिक्षण पर जोर देने की जरूरत है। जिससे विद्यार्थी पाठ्यक्रम को बोझ न समझकर जीवन दक्षता विकसित करने वाले कारक से अपने ज्ञान को जोड़ सकेगें। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में केंद्रीय विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ० वीनू मिश्रा उपस्थित रहीं। विद्यालय के प्रधानाचार्य ने उन्हें पुष्पगुच्छ व स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। उन्होंने शिक्षकों को ज्ञान दक्षता विकास और एटीट्यूट पर विशेष ध्यान देने पर आगाह किया और कहा कि नयी शिक्षा नीति 2020 जो कि 5$3$3$4 फॉर्मूले पर बनी है। जिसमें पांच वर्ष का फाउण्डेशनल कोर्स, तीन वर्ष का प्री प्रियेटरी कोर्स, तीन वर्ष का मिडिल कोर्स तथा चार वर्ष के माध्यमिक कोर्स के बारे में विस्तार से बताया। शिक्षकों को बच्चे से बॉन्डिंग बनाये रखने तथा उन्हें कहानी, कविता, खेल आदि रियल लाइफ से जोड़कर शिक्षण करने की सलाह दी तथा उनके अनुप्रयोग की बात बताई क्योकि इसके बिना कोई भी ट्रेनिंग पूर्ण नहीं होती। विभिन्न जनपदों से आये हुये शिक्षकों को प्रमाणपत्र देकर उनके व्यावसायिक दक्षता विकास की कामना की।

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