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“मुंहबोली बहन के साथ पिता की अय्याशी से तिलमिलाई बेटी ने मां के साथ मिलकर की हत्या”

मध्यप्रदेश के देवास जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने समाजिक रिश्तों की मर्यादा और विश्वास दोनों को झकझोर दिया है। पिता की हत्या के आरोप में गिरफ्तार हुई बेटी शायरा (बदला हुआ नाम) ने पूछताछ में खुलासा किया कि उसने यह कदम अपने पिता गुलफाम (बदला हुआ नाम) की “मुंहबोली बहन” से चल रहे अवैध संबंधों और अपनी प्रेम कहानी का विरोध करने के कारण उठाया।

क्यों और कैसे बनी हत्या की साजिश

पुलिस जांच में सामने आया है कि गुलफाम एक विवाहित महिला से लंबे समय से संबंध रखता था, जिसे वह अपनी मुंहबोली बहन कहकर समाज के सामने पेश करता था। हर रक्षाबंधन पर वह उसी महिला से राखी भी बंधवाता था, पर इस रिश्ते की आड़ में वह उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए हुए था। जब बेटी शायरा को इस बात का पता चला तो उसने पिता के मोबाइल से उनकी आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो चुरा लिए। इन सबूतों को उसने अपनी मां को दिखाया और पिता से बदला लेने के लिए उसे राजी कर लिया। मां-बेटी ने पहले उस महिला के पति को गुलफाम की हत्या करने के लिए उकसाया, लेकिन जब उसने मना कर दिया, तब दोनों ने खुद ही यह साजिश रच डाली।

बालिग होते ही हत्या का ‘प्लान’

पुलिस के अनुसार, शायरा दो दिन पहले ही बालिग हुई थी। वह प्रेमी आकाश पंवार (बदला हुआ नाम) के साथ भागने की योजना बना रही थी, लेकिन पिता के विरोध के कारण उसने पहले ही उनका अंत करने का निर्णय ले लिया। उसका इरादा था कि हत्या का शक उस महिला के पति पर जाए। इसके लिए उसने मोबाइल तकनीक का इस्तेमाल कर पूरी साजिश को इस तरह रचा कि पुलिस और समाज दोनों भ्रमित हो जाएं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शायरा और उसका प्रेमी विशेष नंबरों का उपयोग करते थे, जिनसे वे सिर्फ एक-दूसरे से ही संपर्क करते थे। यह तकनीकी चालाकी देखकर सायबर टीम भी शुरुआत में भ्रमित हो गई थी।

पुलिस की सटीक जांच और सफलता

देवास पुलिस ने इस अंधे कत्ल को सुलझाने के लिए 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरों और 20 हजार मोबाइल नंबरों की जांच की। अंततः जब शायरा के प्रेम प्रसंग की जानकारी मिली, तो पुलिस ने आकाश को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इसके बाद हत्या की पूरी कहानी सामने आई और चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए। टीआई तहजीब काजी और उनकी टीम ने इस पेचीदा केस को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। देवास के तत्कालीन एसपी पुनीत गहलोत ने इसे एक “मास्टर इन्वेस्टिगेशन” बताते हुए टीम को 10 हजार रुपये का इनाम दिया।

साल भर पहले भी भाग चुकी थी बेटी

जानकारी के मुताबिक, शायरा अपने प्रेमी आकाश के लिए पहले भी घर छोड़कर भाग चुकी थी। उस समय वह नाबालिग थी, इसलिए पुलिस ने उसे परिवार के हवाले कर दिया और आकाश को जेल भेजा था। इस घटना के बाद पिता-पुत्री के बीच तनाव बढ़ गया था। इसी नाराजगी ने अंततः खून का रूप ले लिया।

पुलिस का बयान

एसपी गहलोत ने बताया कि “यह मामला एक जटिल अंधे कत्ल का था, जिसे हमारी टीम ने तकनीकी और फील्ड इन्वेस्टिगेशन से सुलझाया। आरोपी बेटी ने इतनी चतुराई से साजिश रची थी कि शुरुआत में कोई भी उस पर शक नहीं कर सका।”

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