प्रतापगढ़ जिले के महेशगंज थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। चूल्हा और घर की लिपाई के लिए मिट्टी लेने गईं चार मासूम बच्चियों की बकुलाही नदी में डूबकर मौत हो गई। मरने वालों में तीन सगी बहनें हैं, जबकि चौथी बच्ची उनकी चचेरी बहन बताई जा रही है। हादसे के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है और परिजन बदहवास हैं।
मिट्टी लेने गईं बच्चियां, गहरे पानी में डूबीं
यह हादसा गुरुवार सुबह करीब 10 बजे हुआ जब डिहवा जलालपुर गांव की चार बच्चियां नदी के पास चूल्हे की मिट्टी लेने गई थीं। बताया जा रहा है कि 13 वर्षीय स्वाति, 11 वर्षीय संध्या, 6 वर्षीय चांदनी (तीनों पुत्रियां जीतलाल) और 7 वर्षीय प्रियांशी (पुत्री पृथ्वीपाल) नदी किनारे से मिट्टी निकाल रही थीं, तभी अचानक उनका पैर फिसल गया और वे गहरे पानी में चली गईं।
घटना स्थल, कुंडा कोतवाली के अंतर्गत चेती सिंह का पुरवा में है। बच्चियों के साथ गई एक अन्य बालिका ने शोर मचाया, जिससे आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे। आनन-फानन में चारों बच्चियों को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं।
पुलिस और प्रशासन मौके पर मौजूद
सूचना मिलते ही महेशगंज और कुंडा पुलिस मौके पर पहुंची। कुछ देर बाद नायब तहसीलदार अजय सिंह भी राजस्व विभाग की टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और परिजनों से बातचीत की। इस हादसे के बाद गांव में गहरा शोक और आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि कुछ स्थानीय लोगों द्वारा जेसीबी मशीन से मिट्टी की अवैध खुदाई कराई गई थी, जिससे नदी में गहरे गड्ढे बन गए थे। इन्हीं गड्ढों की वजह से बच्चियां गहरे पानी में चली गईं और हादसे की शिकार हो गईं।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इस लापरवाही के लिए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि नदी की खुदाई नियंत्रित और सुरक्षित तरीके से होती, तो यह हादसा टल सकता था।