पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने एक जोरदार हमला किया है, जिसमें 7 पुलिस कर्मी मारे गए हैं. पुलिस ट्रेनिंग स्कूल पर रात के अंधेरे में हुए इस हमले में आतंकियों ने पहले आत्मघाती बम धमाका किया और फिर भारी हथियारों के साथ घुसपैठ की. हालांकि, वहां मौजूद सुरक्षा बलों ने सभी आतंकवादियों को मार गिराया.
दरअसल, डेरा इस्माइल खान के पुलिस ट्रेनिंग स्कूल पर शुक्रवार रात एक जोरदार आतंकवादी हमला हुआ. हमलावरों ने पहले आत्मघाती बम धमाका किया और फिर भारी हथियारों के साथ स्कूल में घुसपैठ की. इसके बाद उन्होंने पुलिस और सुरक्षा बलों पर जोरदार गोलीबारी की.
सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस हाफिज मुहम्मद अदनान ने बताया:
इसके जवाब में पुलिस अधिकारियों ने हमला रोकने की कोशिश की और कई आतंकियों को मार गिराया. सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस हाफिज मुहम्मद अदनान ने बताया कि सभी आतंकवादियों का खात्मा कर दिया गया है. हमले के समय लगभग 200 पुलिस कर्मी और ट्रेनी स्कूल में मौजूद थे, जिन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया.
गृह मंत्री मोहसिन नकवी , आतंकियों की कायरता करार दिया:
इस हमले में 7 पुलिस कर्मी मारे गए हैं, जबकि 13 घायल हुए हैं. घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया. डेरा इस्माइल खान के जिला मुख्यालय ट्रॉमा सेंटर ने सभी घायल पुलिस कर्मियों को इलाज मुहैया कराया. गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इस हमले को आतंकियों की कायरता करार दिया और पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि पुलिस बल ने बहादुरी से आतंकियों के खतरनाक इरादों को नाकाम किया.
सेना की कार्रवाई और अन्य घटनाएं
हमले से पहले ही पाकिस्तान सेना ने डेरा इस्माइल खान के दराबान इलाके में एक खुफिया ऑपरेशन (IBO) के दौरान 7 आतंकवादियों को मार गिराया था. इस ऑपरेशन में मेजर सिब्तैन ह़ैदर मारे गए थे. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने मेजर सिब्तैन और अन्य सुरक्षा बलों की बहादुरी की सराहना की थी.
आतंकवाद के खिलाफ नई पहल
पाकिस्तान की सेना ने आतंकवाद उन्मूलन के अपने Renewed Resolve को दोहराया है. ISPR के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि राजनीतिक और अपराधी नेटवर्क के कारण खैबर पख्तूनख्वा में आतंकवाद बढ़ा है. उन्होंने कहा कि सरकारें अब तक National Action Plan के सभी 14 बिंदुओं को लागू नहीं कर सकीं और वर्तमान सरकार ने इसे ‘अज्म-ए-इस्तेहमाक’ के नाम से दोबारा शुरू किया है.
बढ़ती हिंसा की स्थिति
साल 2025 की तीसरी तिमाही में पाकिस्तान में हिंसा में 46% की वृद्धि दर्ज की गई है. केवल खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में ही देश के कुल हिंसा और मौतों का अधिकांश हिस्सा दर्ज हुआ है. खैबर पख्तूनख्वा सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जहां कुल हिंसा में 71% मौतें हुई हैं.