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यूक्रेन का रूस पर ड्रोन प्रहार, तुआप्से पोर्ट धधका, ऑयल टर्मिनल में लगी भीषण आग

रूस और यूक्रेन के बीच 2022 से चल रहा युद्ध समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है. दोनों देश एक दूसरे को नुकसान पहुंचाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे है. इसी कड़ी में रविवार रात को यूक्रेन ने रूस पर बड़ा ड्रोन अटैक किया. इस अटैक में ब्लैक सी पर स्थित रूस के तुआप्से पोर्ट को भारी नुकसान हुआ है. बताया जा रहा है कि अटैक इतनी भीषण था कि पोर्ट के एक हिस्से में आग लग गई, जिससे रूसी तेल टर्मिनल प्रभावित हुआ. जबकि रूस की एयर डिफेंस यूनिट ने दावा किया है कि उसने हमले के दौरान 164 यूक्रेनी ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर दिया.

रूस की समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार रात को यूक्रेन की ओर से किए गए ड्रोन अटैक के दौरान रूस के एयर डिफेंस यूनिट ने 164 यूक्रेनी ड्रोन नष्ट कर दिए. वहीं, क्षेत्रीय अधिकारियों ने रविवार को बताया कि यूक्रेनी ड्रोन हमले के परिणामस्वरूप ब्लैक सी पर स्थित तुआप्से पर भीषण आग लगई, जिससे पोर्ट को भारी नुकसान हुआ है.

‘हमले का दिया जा रहा है जवाब’

क्रास्नोडार प्रशासन ने टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर कहा, ‘तुआप्से में यूएवी (मानव रहित हवाई वाहनों) के हमले का जवाब दिया जा रहा है. ये हमला सैन्य रसद को बाधित करने के लिए यूक्रेन के तेज अभियान का हिस्सा है. हमले में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है. ये तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया कि बंदरगाह के किस बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है.’

तेल टर्मिनल और रिफाइनरी को बनाया निशाना

क्रास्नोडार क्षेत्र के प्रशासन ने बताया कि गिरते ड्रोन मलबे के कारण पोर्ट के बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान हुआ और आग लग गई. ये बंदरगाह तुआप्से तेल टर्मिनल और रोसनेफ्ट-नियंत्रित तुआपसे तेल रिफाइनरी का घर है. इन दोनों ही ठिकानों को इस साल यूक्रेनी ड्रोन द्वारा कई बार निशाना बनाया गया है. हालांकि, ये तुरंत स्पष्ट नहीं हो सका कि पोर्ट का कौन सा बुनियादी ढांचा क्षतिग्रस्त हुआ है.

सैन्य लॉजिस्टिक्स बाधित करने की कोशिश

कीव (यूक्रेन) ने रूसी बिजली ग्रिड पर हमलों के बदले की कार्रवाई के तहत रूसी रिफाइनरियों, डिपो और पाइपलाइनों पर हमलों को तेज कर दिया है. इन हमलों का मकसद ईंधन की आपूर्ति पर दबाव बनाना, सैन्य लॉजिस्टिक्स को बाधित करना और रूस के युद्धकालीन खर्च को बढ़ाना है. क्रास्नोडार प्रशासन ने ये भी बताया कि तुआप्से के बाहर स्थित सोस्नोवी गांव में ड्रोन के मलबे के गिरने के कारण एक अपार्टमेंट भवन भी क्षतिग्रस्त हुआ. हालांकि, वहां भी किसी के घायल होने की सूचना नहीं मिली है.

यूक्रेन ने लिया रूस से बदला

यूक्रेन का यह हमला हाल ही में उसके पूर्वी क्षेत्र में सैन्य उपकरणों की सप्लाई मार्ग वाले पुल को उड़ाये जाने के बाद किया गया है. कहा जा रहा है कि यह हमला यूक्रेन की सशस्त्र सेनाओं द्वारा किया गया था, जो रूस के क्रास्नोदार क्राय क्षेत्र में एक बड़े पैमाने पर चलाए गए ड्रोन अभियान का हिस्सा था.

घोषित हुआ आपातकाल

स्थानीय प्रशासन ने तुरंत आपातकाल घोषित कर दिया. फायर ब्रिगेड की दर्जनों गाड़ियां घटनास्थल की ओर दौड़ीं, लेकिन हर नई लपट उनके प्रयासों को चुनौती देती रही. हवा में तेल और जलते धातु की तीखी गंध भर गई थी. इस हमले ने न सिर्फ रूस की ऊर्जा व्यवस्था को झटका दिया, बल्कि तुआप्से के निवासियों के दिलों में डर और अनिश्चितता भी भर दी. सालों से इस तट पर काम कर रहे बूढ़े नाविक इवान जलते गोदामों को देखते हुए बोले-“समुद्र तो हमेशा से आग को बुझाता आया है, पर आज लगता है, लपटों ने सागर को भी जला दिया है.” रात धीरे-धीरे सुबह में बदल रही थी, लेकिन तुआप्से के आसमान पर धुएं का परदा अब भी टंगा था. यह संकेत कि युद्ध सिर्फ सीमाओं पर नहीं, इंसानियत के दिलों में भी जल रहा है.

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