1 घंटे में 14 किलो ड्राई फ्रूट्स और 5 किलो शक्कर वाली चाय! आखिर कौन है ये भूख का भूचाल?

 

शहडोल: मध्य प्रदेश का शहडोल जिला इन दिनों बिलों के घोटाले को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है. अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं जब जिले के एक स्कूल की पुताई में ऑयल पेंट घोटाला का मामला उजागर हुआ था. अब जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत एक कार्यक्रम में ड्राई फ्रूट्स में घोटाला सामने आया है. जिसमें जिले के अफसर एक घंटे के कार्यक्रम में 14 किलो ड्राई फ्रूट्स और 6 लीटर दूध में 5 किलो शक्कर डालकर चाय पी गए.

आखिर क्या है ड्राई फ्रूट्स घोटाला?

शहडोल जिले के भदवाही ग्राम पंचायत में 25 मई को जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जिसमें भदवाही ग्राम पंचायत में झूंझा नाला पर बोरी बंधान कार्यक्रम रखा गया था. बताया जा रहा है कि इस दौरान कार्यक्रम में यहां कई बड़े अधिकारी शामिल हुए थे. इस कार्यक्रम की मेजबानी ग्राम पंचायत भदवाही ने की थी. यहां पहुंचे अफसरों के लिए टेंट, भोजन, चाय नाश्ता जैसी सभी व्यवस्था की गई थी. अब इसी कार्यक्रम का बिल जब वायरल हुआ तो इसमें भी भ्रष्टाचार का मामला उजागर हो रहा है. इस वायरल बिल में ड्राई फ्रूट्स घोटाला नजर आ रहा है.

ड्राई फ्रूट्स घोटाले के बिल में क्या-क्या?

दरअसल ड्राई फ्रूट्स घोटाले का जो बिल वायरल हो रहा है उसमें भदवाही ग्राम पंचायत ने अधिकारियों के स्वागत सत्कार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. वायरल बिल के मुताबिक 5 किलो काजू, 3 किलो किशमिश, 5 किलो बादाम, 5 किलो शक्कर, 6 किलो दूध और नमकीन-बिस्किट के नाम पर 19,010 रुपए का बिल बनवा लिया और इसका भुगतान भी करवा लिया. खास बात ये है कि अफसरों को चाय पिलाने के नाम पर 6 किलो दूध में 5 किलो शक्कर भी डाला गया और खाने के लिए 20 पैकेट बिस्किट भी लाए गए. ये बिल एक किराना स्टोर के नाम का है.

‘काजू-किशमिश का बिल मेरे संज्ञान में नहीं’

इस बिल को लेकर जब प्रभारी जिला पंचायत सीईओ मुद्रिका सिंह से बात की तो उनका कहना है कि “ये मामला अभी मेरे संज्ञान में आया है. उन्होंने काजू-किशमिश का बिल लगाया है तो निश्चित रूप से वहां पर जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत कार्यक्रम आयोजित हुआ था. हम भी उसमें शामिल हुए थे. ग्रामीणजन भी थे और उनको खाने के लिए चाय नाश्ते की व्यवस्था भी की गई थी. लेकिन ये काजू किशमिश और इस तरह के जो बिल लगे हैं, ये चीजें अपने संज्ञान में नहीं हैं. इस तरह के बिल के बारे में जानकारी लेकर जांच की जाएगी.”

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