बांदा। मामला पुलिस अधीक्षक कार्यालय बांदा से सामने आया है जहां पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे पीड़ित परिवार सहित पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायतपत्र देकर न्याय की गुहार लगाते हुए बताया है कि मुकदमान उपरोक्त के नामित अभियुक्त भूपेन्द्र सिंह उर्फ गोरे वर्तमान ग्राम प्रधान ग्राम पंचायत अमलोर व उसका भाई जितेन्द्र सिंह उर्फ भूरा दबंग व गुण्डा किस्म के राजनीतिक पहुंच वाले व्यक्ति हैं। उपरोक्त अभियुक्तगण ने पीड़ित को जान से मारने की नियत से फायर कर गम्भीर रूप से घायल कर दिया था, जिसकी रिपोर्ट पीड़ित ने थाना-पैलानी में दिनांक 03.06. 2025 को पंजीकृत करायी थी, तब से दोनों नामजद अभियुक्त प्रार्थी व उसके परिवार वालों को मुकदमें में राजी होकर बयान बदलने व बयान न बदलने पर जान से मारने की लगातार धमकी दे रहे हैं। पीडित ने उच्चाधिकारियों सहित श्री पुलिस को इस सम्बन्ध में कई बार लिखित पत्र दे चुका है। पर किन्तु विवेचनाधिकारी / थाना – पैलानी की पुलिस की उदासीनता व अभियुक्त के प्रभाव में आकर के कारण अभियुक्तगणों के हौसले काफी बढ़े हुए हैं और गांव में सरेआम धमकी दे रहे हैं कि धारा-109 बी0एन0एस0 जैसे गम्भीर अपराध में भी हम जेल नहीं जायेंगे। पुलिस से हमारी बात हो गयी है, जिसको आवेदन पत्र देना है, देते रहो, हमारा कुछ नहीं बिगड़ेगा और तुम आज नहीं तो कल अपनी जान से हाथ धो दोगे। पीड़ित गरीब व्यक्ति है। पीड़ित ने घायल अवस्था में अस्पताल आने-जाने के लिये पीड़ित के जिन लोगों की गाड़ी किराये पर लेकर गया।
उन्हें भी प्रधान व उसके भाई धमकी दे रहे हैं तथा उनसे भी पीडित व उसके परिवार वालों को भी उठा ले जाने की धमकी दे रहे हैं। दिनांक 09.07.2025 को रामचरन सिंह के मो0नं0- 9555953347 पर नामजद अभियुक्त जितेन्द्र उर्फ भूरा ने अपने मोबाइल नं0-9335296651 से धमकी देते हुए पीड़ित के परिवार को उठा ले जाने के लिए धमका रहा है। जिससे प्रार्थी व उसका परिवार काफी भयभीत है तथा पीड़ित व उसके परिवार को भी अभियुक्तगण से जानमाल का सख्त खतरा है। विवेचनाधिकारी /थाना-पैलानी की पुलिस मुल्जिमानों के प्रभाव में निष्पक्ष विवेचना नहीं कर रहे हैं, जिससे पीडित को न्याय मिल पाने की उम्मीद नहीं है। मांग है कि मु0अ0सं0-136/2025 धारा-109, 352, 351(3) बी0एन0एस0, थाना-पैलानी, जिला-बाँदा के विवेचनाधिकारी/थानाध्यक्ष थाना पैलानी जिला बाँदा को प्रकरण की निष्पक्ष विवेचना करके अभियुक्तगण को शीघ्र . गिरफ्तारी करके मुकदमें के महत्वपूर्ण साक्ष्य को नष्ट होने से बचाये जाने हेतु निर्देशित किया जाये अन्यथा अभियुक्तगण पीड़ित व मुकदमें के गवाहान को जान से मारकर मुकदमें का साक्ष्य नष्ट कर देंगे।