मंडी: हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन कहर बरपा रहा है. मंडी जिले में भारी बारिश के बाद एक बार फिर बादल फटने से तबाही मची है. इससे मंडी शहर के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है. पांच लोग बाढ़ की चपेट में आए गए. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 3 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं, एक की तलाश जारी है, जबकि एक व्यक्ति घायल हुआ है. दो शव गाड़ियों के बीच फंसे हुए थे, जिन्हें एनडीआरएफ ने बरामद किया है. बताया जा रहा है कि ये लोग भारी बारिश के बीच नाले के पास पार्क की गई गाड़ियों को यहां से निकालने पहुंचे थे और इसी दौरान बाढ़ की चपेट में आ गए. सैलाब के कारण आए मलबे में 60 से अधिक गाड़ियों के दबने और बहने की सूचना मिली है
एनडीआरएफ, पुलिस, अग्निशमन, होमगार्ड के जवान मौके पर हैं. रेस्क्यू और सर्च ऑप्रेशन जारी है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. पूर्व सीएम जयराम ठाकुर और विधायक अनिल शर्मा मौके पर लोगों से मिलने पहुंचे और हालात का जायजा लिया. बाढ़ के कारण जनजीवन ठप सा हो गया है. सबसे ज्यादा नुकसान जेल रोड, जोनल अस्पताल मार्ग और सैंण क्षेत्र में हुआ है. भूस्खलन से कीरतपुर मनाली फोरलेन और पठानकोट मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया है. चंडीगढ़-मनाली एनएच पर पर 4 मील, 9 मील, दवाड़ा, झलोगी समेत कई स्थानों पर लैंडस्लाइड होने से सड़क पर यातायात बंद हो गया है.
वहीं, पठानकोट-मंडी एनएच पर पद्धर से लेकर मंडी तक कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं. मंडी जिले में बीते कई घंटे से लगातार मूसलाधार बारिश का दौर जारी है. लगातार हो रही बारिश से मलबा हटाने और राहत कार्यों में भारी परेशानी आ रही है. बारिश के कारण नदी नाले उफान पर हैं. स्थानीय लोगों में डर का माहौल बना हुआ है. मंडी शहर के विक्टोरिया पुल के पास भी भीषण लैंडस्लाइड होने से आसपास के इलाकों में खतरा और अधिक बढ़ गया है. मंडी शहर के जेल रोड़, सैन मोहल्ला, तुंगल मोहल्ला, जोनल अस्पताल वाले मार्ग और हॉस्पिटल गेट पर भी मलबा आ गया. सैंण क्षेत्र में घरों के पास तक मलबा पहुंच गया.
जोनल हॉस्पिटल के पास के नाले में बड़ी-बड़ी चट्टाने आई हैं. लोगों के घरों में मलबा और पानी घुस गया है. फ्लैश फ्लड आने के समय कई लोग घटनास्थल पर मौजूद थे. मलबा आता देख लोग मुश्किल से जान बचाकर भागे. सड़कों पर कई फीट मलबा नजर आ रहा है और कई गाड़ियां इसमें दबी हुई नजर आ रही हैं. राहत कार्य शुरू हो चुका है और जेसीबी मशीन मौके पर पहुंच चुकी हैं. प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 28 जुलाई तक 164 लोगों की मौत हो चुकी है. अब तक 269 लोग घायल हुए हैं. 35 लोग अभी भी लापता हैं. इस दौरान 74 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है. बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 251 पक्के 167 कच्चे घरों को नुकसान हुआ है. 437 पक्के और 467 कच्चे मकानों को आंशिक नुकसान हुआ है. 287 दुकानों को क्षति पहुंची है. 22902 पशुओं और पोल्ट्री बर्ड की मौत हुई है. नुकसान का कुल आंकड़ा 1523 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.