अरसे से गृहयुद्ध से जूझ रहे यमन में भारत की नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी दी जाएगी। यमनी नागरिक तलाल महदी की हत्या में दोषी करार निमिषा को बचाने की कोशिशें नाकाम साबित होती दिख रही हैं। यमन इस वक्त हूती विद्रोहियों के नियंत्रण में है। निमिषा 2011 में बतौर नर्स केरल के पलक्कड़ से यमन की राजधानी सना आई थीं। वह अपने परिवार के साथ गई थीं, मगर 2014 में उनके पति और बेटी भारत लौट गए। यमन में इस वक्त फांसी एक ही तरीके से दी जाती है, वो है दोषी को गोली मारना। यमन के कानून में पत्थर मारना, सरेआम फांसी पर लटकाना और सिर कलम करना भी मान्य है। जानते हैं कि किस तरह से यमन में फांसी दी जाती है।
यमन में फांसी देने का तरीका बेहद भयावह और अमानवीय है। इसमें दोषी को जमीन या गलीचे या कंबल पर लिटा दिया जाता है। इसके बाद जल्लाद एक ऑटोमेटिक राइफल से लेटे हुए गुनहगार की पीठ पर एक तड़ा-तड़ गोलियां मारता है। वह पीठ पर एक खास जगह निशाना लगाकर कई राउंड फायर करके सजा को अंजाम देता है। दोषी की पीठ पर यह निशान एक डॉक्टर लगाता है, जो यह बताता है कि इसी जगह पर दिल होता है।
