– परिवादी को पच्चीस लाख रूपए क्षतिपूर्ति दिए जाने के निर्देश
– परिवादी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सैय्यद नाजिश रजा ने की पैरवी
– वरिष्ठ अधिवक्ता सै0 नाजिश रजा।
फतेहपुर। धोखाधड़ी के एक मामले की सुनवाई करते हुए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय संख्या-3 पलाश गांगुली ने अभियुक्त को दो साल की कैद व 28 लाख रूपए जुर्माने से दंडित किया। अपने आदेश में उन्होने अर्थदण्ड की धनराशि अदा न करने पर दोषसिद्ध को छह माह का अतिरिक्त साधारण कावारास व्यतीत करने की सजा सुनाई है। साथ ही अर्थदण्ड की धनराशि अदा करने पर परिवारी को बतौर क्षतिपूर्ति पच्चीस लाख रूपए देय होगी। परिवादी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सै0 नाजिश रजा ने बताया कि परिवादी अभय कुमार दुबे पुत्र शिव सागर प्रसाद दुबे निवासी नई कालोनी कृष्ण बिहारी नगर थाना कोतवाली सदर कपिला पशु आहार, चूनी चोकर एवं पौलिश का थोक व फुटकर विक्रेता है। अभियुक्त अभय कुमार दुबे पुत्र शिवसागर दुबे निवासी नई कालोनी कृष्ण बिहारी नगर डाबर कंपनी में कार्यरत था। अभियुक्त ने परिवादी से दोस्ती बढ़ाई और दस लाख रूपए बतौर उधार ले लिए। तय समय सीमा पर जब अभियुक्त ने रूपया वापस नहीं किया तो पीड़ित ने दबाव बनाया। जिस पर अभियुक्त ने पुनः मिन्नते की और लगभग सात लाख रूपए का कपिला पशु आहार, चूनी चोकर व पौलिश ले लिया। इसको बिक्री करके पूरी रकम सत्रह लाख रूपए वापस करने की बात कही। लेकिन अभियुक्त अभय कुमार की नियत बदल गई और उसने कोई पैसा वापस नहीं किया। दबाव बनाने पर सत्रह लाख रूपए की चेक काटकर दी। पीड़ित परिवादी ने चेक को बैंक में लगाया लेकिन चेक बाउंस हो गई। उधर अभियुक्त ने कोर्ट में चेक खो जाने की बात कहते हुए परिवादी पर चेक को जबरन खाते में लगाने की बात कही। जिस पर परिवादी के अधिवक्ता ने न्यायालय में साक्ष्यों को उपलब्ध कराया। साक्ष्यों के आधार पर विद्वान न्यायाधीश ने अभियुक्त राजकुमार गुप्ता को दोषसिद्ध करते हुए अंतर्गत धारा 138 एनआई एक्ट के मामले में दो वर्ष के साधारण कारावास एवं 28 लाख रूपए के अर्थदण्ड से दंडित किया। अर्थदण्ड की धनराशि अदा न करने पर दोषसिद्ध को छह माह का अतिरिक्त साधारण कारावास व्यतीत करने की सजा सुनाई। इसके साथ ही अर्थदण्ड की धनराशि अदा करने पर परिवादी को बतौर क्षतिपूर्ति पच्चीस लाख रूपए देने की घोषणा की।
