बुलंदशहर में फीस न जमा होने पर स्कूल प्रशासन ने छात्र के पिता की बाइक गिरवी रख ली। छात्र 12वीं में पढ़ता है। वह अपने पिता के साथ बोर्ड एग्जाम का एडमिट कार्ड लेने गुरुवार को स्कूल गया हुआ था।
इस पर स्कूल प्रशासन ने छात्र के पिता से बकाया फीस जमा करने की बात कही। जब उन्होंने कहा कि अभी पैसे नहीं हैं। इस पर स्कूल प्रशासन ने उनसे अपनी बाइक को स्कूल में गिरवी रखने के लिए कहा। यह वाकया बुलंदशहर के स्याना क्षेत्र के मेपल ग्रोव वर्ल्ड स्कूल का है।
स्कूल प्रशासन की शर्त के बाद छात्र के पिता ने बाइक स्कूल में ही खड़ी कर दी और एडमिट कार्ड लेकर घर आ गए। शाम को परिवार वालों ने DM चंद्र प्रकाश सिंह से पूरे मामले की शिकायत की है। DM ने कहा है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई होगी।
छात्र के पिता ने बताया कि स्कूल में एक साल की 49 हजार 30 रुपए फीस है। इसमें से 15 हजार 400 रुपए बकाया हैं। इस वजह से स्कूल ने प्रवेश पत्र देने से इनकार कर दिया था। उन्होंने स्कूल प्रशासन से कहा था कि अभी फीस देने के लिए रुपए नहीं हैं। उन्होंने कहा था कि वह पूरे पैसे जमा करके जल्द से जल्द फीस चुका देंगे। लेकिन, उसके बाद भी स्कूल प्रशासन ने अपना कोई सामान गिरवी रखने का दबाव बनाया। इसके बाद मजबूर होकर पिता ने अपनी बाइक स्कूल में गिरवी रख दी। इसके बाद वो लोग घर पैदल वापस गए।
बोले- अभी मेरे घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है
पिता ने बताया कि उनके घर की आर्थिक स्थिति अभी ठीक नहीं है। बिजनेस भी ठप चल रहा है। वह मजबूरी में फीस जमा नहीं कर पा रहे हैं। अगर वह स्कूल वालों को बाइक न देते, तो वो लोग उनके बेटे का भविष्य बर्बाद कर देते। मजबूर होकर उनको यह कदम उठाना पड़ा है। उनका बेटा एग्जाम दे देगा, तो उसका भविष्य खराब नहीं होगा।
स्कूल प्रशासन ने पिता की बाइक जमा कर छात्र को प्रवेश पत्र दिया। इतना ही नहीं स्कूल मैनेजमेंट ने छात्र के पिता से सादे कागज पर बकाया फीस के एवज में बाइक स्कूल में जमा करने की बात लिखित में लेकर उसकी रिसीविंग भी दी है। साथ ही उनसे कहा कि पूरी फीस जमा करने के बाद बाइक को स्कूल से ले जाना।
स्कूल के संचालक अभिषेक कुमार ने बताया कि इंटरमीडिएट के छात्र पर फीस बकाया थी। छात्र के पिता ने प्रवेश पत्र लेने के एवज में अपनी बाइक स्कूल में जमा की है। बाइक जमा करने की रिसीविंग छात्र के पिता को दे दी गई है। वहीं, जिला विद्यालय निरीक्षक शिव कुमार ओझा ने कहा कि अभी इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है। स्कूल का ऐसा किया जाना गलत है। शिकायत मिलने पर मामले की जांच कराई जाएगी।