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भीख मांगना भिखारी को पड़ा महंगा, जानिए पूरा मामला

भोपाल को भिखारी मुक्त बनाने की कवायद तेज हो गई है. भोपाल में भीख देना और भीख लेना दोनों ही अपराध है. भिखारी मुक्त भोपाल बनाने के कलेक्टर के आदेश के बाद सख्ती ओर बढ़ गई है. भोपाल के एमपी नगर थाने में बुधवार को भीख देने और लेने वालों के खिलाफ पहले FIR दर्ज हुई है. समाजसेवी की शिकायत पर यह एफआईआर दर्ज की गई. उन्होंने भीख देने के दौरान वीडियोग्राफी कर थाने पहुंचकर शिकायत की थी. भोपाल में समाजसेवी मोहन सोनी की शिकायत पर भीख लेने और देने वाले दोनों पर ही पहली एफआईआर दर्ज हुई है. पुलिस ने प्राथमिक तौर पर बीएनएस की धारा 223 के तहत एफआईआर दर्ज की है. इस धारा के तहत छह महीने की सजा और 2500 जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है.

मोहन सोनी ने पुलिस को बताया कि वह एमपी नगर क्षेत्र से जा रहे थे. तभी देखा कि एक ट्रक ड्राइवर भीख दे रहा था. जिसका उन्होंने वीडियो बनाया और वीडियो पुलिस को देकर एफआईआर कराई. पुलिस ने ट्रक ड्राइवर और भिखारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. राजधानी से भिक्षावृत्ति को पूरी तरह से खत्म करने के लिए कई टीम को मैदान में उतारा गया है. यह टीम भिक्षुओं से बातचीत कर उन्हें आश्रय स्थल पहुंचा रहे हैं. कई भिक्षुओं ने तो आश्रय स्थल जाने से इनकार कर दिया है. खास तौर पर भोपाल एयरपोर्ट से रोशनपुरा चौराहा तक भिखारियों की पहचान करने के लिए टीमों का गठन किया गया है.

भिक्षावृत्ति के आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ बीएनएस की धारा 223 के तहत कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है. एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस भीख देने और लेने वाले की तलाश में जुट गई है. पुलिस का कहना है कि वह मामले में दोनों लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगी. इसके अलावा कहीं और भी भीख देने और लेने से संबंधित मामले सामने आएंगे तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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