उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित एक स्कूल में कुछ छात्राओं की हेड मास्टर ने बेरहमी से पिटाई कर डाली. घटना खोराबार थाना क्षेत्र के मोतीराम अड्डा की है. यहां माध्यमिक विद्यालय में गुरुवार को रोजाना की तरह बच्चे स्कूल पहुंचे. सुबह की प्रार्थना सभा होनी थी. तभी हेड मास्टर आभा दुबे की नजर कुछ छात्राओं पर पड़ी. उन्होंने डबल चोटी नहीं बनाई थी, जिसे देख हेड मास्टर बौखला गईं.
उन्होंने बिना कुछ पूछे छात्राओं के बाल बेरहमी से खींचने शुरू कर दिए. उनको मुक्का मारा फिर थप्पड़ों की बरसात कर डाली. इससे भी जी नहीं भरा तो पास में पड़े डंडे से उनकी खूब पिटाई की. आरोप है कि आठवीं की एक छात्रा के मुंह में तो उन्होंने डंडा है घुसा दिया, जिससे वज बेहोश होकर गिर गई. इस घटना को देखकर वहां मौजूद छात्राएं सदमे में आ गईं और जोर-जोर से रोने लगीं. इसी बीच घटना की जानकारी अभिभावकों को हुई तो वे स्कूल पहुंचकर हंगामा और हेड मास्टर के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.
उनका कहना था कि हेड मास्टर पहले भी कई बार छात्राओं से इसी तरह से दुर्व्यवहार और निर्दयता से पिटाई कर चुकी हैं. उनका खुद पढ़ाने में मन नहीं लगता है. वह अक्सर स्कूल लेट आती हैं. यही नहीं अक्सर स्कूल से गैरहाजिर भी रहती हैं. स्कूल आने पर वह अपनी सारी भड़ास छात्राओं पर निकालती हैं. छात्राओं के परिजनों ने कहा- आज तो हद ही हो गई. हेड मास्टर ने न सिर्फ छात्राओं को बेवजह पीटा, बल्कि एक छात्रा के मुंह में तो डंडा तक डाल दिया. इससे उसकी मौत भी हो सकती थी. वह मौके पर ही बेहोश हो गई. एक तरह से कहा जाए कि उन्होंने छात्रा की जान लेने की कोशिश है तो भी अतिशयोक्ति नहीं होगी. हम लोग नहीं चाहते हैं कि ऐसी बेरहम व अमानुष शिक्षिका हमारे गांव के विद्यालय पर रहे.
इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेंद्र कुमार सिंह ने बताया- जैसे ही घटना की सूचना मिली खोराबार ब्लाक के बीईओ वीके राय को तत्काल मौके पर भेजा गया. उन्होंने अपनी जो प्राथमिक रिपोर्ट भेजी है उसमें शिक्षिका को दोषी बताया है. उनकी रिपोर्ट के आधार पर तत्काल हेड मास्टर आभा दुबे को निलंबित कर दिया गया है. मामले की जांच जारी है. अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि पहले भी उनका व्यवहार ठीक नहीं रहा है. वो स्कूल लेट पहुंचती हैं. इन सभी आरोपों की भी जांच करवाई जाएगी. किसी भी शिक्षक को किसी भी छात्र या छात्रा को इस तरह से बेरहमी से पीटने का अधिकार नहीं है. पढ़ाने व अनुशासन सिखाने के तरीके हैं, उसी को शिक्षकों को अपनाना चाहिए.